|पटना| राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि भीमराव अंबेदकर और
कांशीराम के बाद जीतनराम मांझी दलितों के सबसे बड़े नेता हैं. आज पटना में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि पीके शाही और ललन
सिंह के इशारे पर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को प्रताडि़त करते रहे
हैं. जब श्री मांझी ने नीतीश कुमार के इशारे पर काम करना
बंद कर दिया तो उनके खिलाफ साजिश शुरू कर दी गयी है.
श्री यादव ने कहा कि वह पहले से ही कहते
रहे हैं कि प्रशासनिक तंत्र में बिचौलिए और दलाल हावी रहे हैं. सरकारी योजनाओं के लूट में उनकी भागीदारी रही है और इसका हिस्सा भी ऊपर
तक पहुंचता रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज खुद
स्वीकार किया है कि उनके कैबिनेट सहयोगी तक बिचौलियों की पहुंच रही है. राजद सांसद ने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि सीएम मांझी को कहना पड़ रहा
है कि नीतीश कुमार उन पर गलत काम करने के लिए दबाव डालते थे और जब गलत काम करने से
इंकार कर दिया तो हटाने की साजिश रची जाने लगी. सांसद ने कहा कि यह
सब नीतीश कुमार के इशारे पर हो रहा है. नीतीश कुमार कुछ
लोगों के अहं को संतुष्ट करने के लिए जीतनराम मांझी को अपमानित कर रहे हैं.
राजद सांसद ने विधायकों से सवाल पूछा है कि
वह जीतनराम मांझी से साथ स्वाभिमान और सम्मान के साथ राजनीति करना चाहते हैं या
नीतीश कुमार के साथ जाकर अपमान झेल कर, स्वाभिमान गिरवी
रखकर राजनीति करना चाहते हैं. उन्होंने कहा सीएम मांझी राजनीति सेवा के
लिए करते हैं, सत्ता उनके लिए गरीबों, वंचितों और दलितों की सेवा का माध्यम है. लेकिन नीतीश कुमार
की राजनीति कुछ लोगों के अहं संतुष्ट करने के लिए है, सत्ता उनके लिए कुछ लोगों के हित में दोहन करने का माध्यम है. राजद सांसद ने कहा कि आखिर जीतनराम मांझी ने कौन सी गलती कर दी, जिससे नीतीश कुमार आहत हो गए और श्री मांझी के खिलाफ साजिश में जुट गए. यह नीतीश को जनता को बताना चाहिए.
राजद सांसद पप्पू यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र से
मुलाकात की और बिहार के राजनीतिक माहौल पर चर्चा की.
‘अंबेदकर और कांशीराम के बाद जीतनराम मांझी सबसे बड़े दलित नेता’: पप्पू यादव
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 13, 2015
Rating:
No comments: