 मधेपुरा जिले का सबसे सुदूर पीएचसी में अधिकारियों
और कर्मचारियों की मौज इलाके के लोगों को मौत दे रही है. अभी दो दिन पहले एक नवजात
की मौत के बाद भी यहाँ के डॉक्टर संवेदनशील नहीं हो पा रहे हैं. नतीजा अहले सुबह
एक नवजात फिर काल के गाल में समां गया.
मधेपुरा जिले का सबसे सुदूर पीएचसी में अधिकारियों
और कर्मचारियों की मौज इलाके के लोगों को मौत दे रही है. अभी दो दिन पहले एक नवजात
की मौत के बाद भी यहाँ के डॉक्टर संवेदनशील नहीं हो पा रहे हैं. नतीजा अहले सुबह
एक नवजात फिर काल के गाल में समां गया.
      मिली
जानकारी के मुताबिक चौसा पूर्वी पंचायत के बीरबल टोला के लुखो मंडल के डेढ़ वर्षीय
नाती को कल शाम तेज बुखार होने पर जब रात में परिजन उसे लेकर पीएचसी चौसा आये तो
यहाँ कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था. परिजन यहाँ से वहां भटकते रहे और उधर
मासूम ने कड़ी ठंढ में खून की उल्टियां शुरू कर दी. परिजनों के मुताबिक कोई नर्स की
तरह वहाँ थी जो बाद में गायब हो गई. बच्चे ने सुबह करीब तीन बजे दम तोड़ दिया. परिजनों
के द्वारा हंगामे के बाद सुबह जब चौसा के बीडीओ अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि
रात्रि ड्यूटी पर मौजूद डा० राजेश कुमार किसी अन्य डॉक्टर को मौखिक रूप से कह कर
गायब थे. पीएचसी प्रभारी डा० गणेश कुमार ने भी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि
ड्यूटी वाले डॉक्टर की ही जवाबदेही थी.
 पंचायत के बीरबल टोला के लुखो मंडल के डेढ़ वर्षीय
नाती को कल शाम तेज बुखार होने पर जब रात में परिजन उसे लेकर पीएचसी चौसा आये तो
यहाँ कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था. परिजन यहाँ से वहां भटकते रहे और उधर
मासूम ने कड़ी ठंढ में खून की उल्टियां शुरू कर दी. परिजनों के मुताबिक कोई नर्स की
तरह वहाँ थी जो बाद में गायब हो गई. बच्चे ने सुबह करीब तीन बजे दम तोड़ दिया. परिजनों
के द्वारा हंगामे के बाद सुबह जब चौसा के बीडीओ अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि
रात्रि ड्यूटी पर मौजूद डा० राजेश कुमार किसी अन्य डॉक्टर को मौखिक रूप से कह कर
गायब थे. पीएचसी प्रभारी डा० गणेश कुमार ने भी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि
ड्यूटी वाले डॉक्टर की ही जवाबदेही थी.
 पंचायत के बीरबल टोला के लुखो मंडल के डेढ़ वर्षीय
नाती को कल शाम तेज बुखार होने पर जब रात में परिजन उसे लेकर पीएचसी चौसा आये तो
यहाँ कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था. परिजन यहाँ से वहां भटकते रहे और उधर
मासूम ने कड़ी ठंढ में खून की उल्टियां शुरू कर दी. परिजनों के मुताबिक कोई नर्स की
तरह वहाँ थी जो बाद में गायब हो गई. बच्चे ने सुबह करीब तीन बजे दम तोड़ दिया. परिजनों
के द्वारा हंगामे के बाद सुबह जब चौसा के बीडीओ अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि
रात्रि ड्यूटी पर मौजूद डा० राजेश कुमार किसी अन्य डॉक्टर को मौखिक रूप से कह कर
गायब थे. पीएचसी प्रभारी डा० गणेश कुमार ने भी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि
ड्यूटी वाले डॉक्टर की ही जवाबदेही थी.
 पंचायत के बीरबल टोला के लुखो मंडल के डेढ़ वर्षीय
नाती को कल शाम तेज बुखार होने पर जब रात में परिजन उसे लेकर पीएचसी चौसा आये तो
यहाँ कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था. परिजन यहाँ से वहां भटकते रहे और उधर
मासूम ने कड़ी ठंढ में खून की उल्टियां शुरू कर दी. परिजनों के मुताबिक कोई नर्स की
तरह वहाँ थी जो बाद में गायब हो गई. बच्चे ने सुबह करीब तीन बजे दम तोड़ दिया. परिजनों
के द्वारा हंगामे के बाद सुबह जब चौसा के बीडीओ अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि
रात्रि ड्यूटी पर मौजूद डा० राजेश कुमार किसी अन्य डॉक्टर को मौखिक रूप से कह कर
गायब थे. पीएचसी प्रभारी डा० गणेश कुमार ने भी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि
ड्यूटी वाले डॉक्टर की ही जवाबदेही थी.
      मौके पर
मौजूद बीडीओ और उप-प्रमुख ने चतुराई से मामले को शांत कराया. बताया गया कि बच्चे
का घर कटिहार जिले के पोठिया थाना के भंगहा था और वह वर्तमान में चौ़सा अपने
ननिहाल में था.
चौसा पीएचसी में नवजात की मौत: ड्यूटी पर का चिकित्सक था फरार 
 Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
December 07, 2014
 
        Rating:
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
December 07, 2014
 
        Rating: 
       Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
December 07, 2014
 
        Rating:
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
        on 
        
December 07, 2014
 
        Rating: 
 
 


 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
.jpeg) 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
No comments: