‘सिर्फ व्यावसायीकरण के लिए संस्थान न खोलें’: बारह दिवसीय शैक्षिक महोत्सव और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का समापन
मधेपुरा जिले के आलमनगर के यूवीके कॉलेज करामा में
आयोजित बारह दिवसीय शैक्षिक महोत्सव और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का समापन अंतिम दिन
‘रोल ऑफ गार्जियंस एंड
स्टुडेंट्स इन यूनिवर्सिटी एन्ड कॉलेज कैम्पस मैनेजमेंट’ विषय के व्याख्यान के साथ
समाप्त हुआ.
आज के कार्यक्रम का उदघाटन जदयू
के विधान परिषद् सदस्य डा० संजीव कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यूवीके डिग्री कॉलेज करामा के प्राचार्य डा०
माधवेन्द्र झा ने ‘रोल
ऑफ गार्जियंस एंड स्टुडेंट्स इन यूनिवर्सिटी एन्ड कॉलेज कैम्पस मैनेजमेंट’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा
कि विश्व का यह पहला बारह दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार है. उन्होंने कहा कि हर
शिक्षक एक अभिभावक है और हर माँ बच्चे की प्रथम गुरु. बच्चों की शिक्षा में
अभिभावक की प्रथम भूमिका है. अभिभावकों को ऐसे शिक्षण संस्थान का चयन करना चाहिए
जिसमे शैक्षणिक माहौल हो. उन्होंने यह भी कहा कि देश भर के सभी शैक्षणिक संस्थानों
को सन्देश देते हुए कहा कि सिर्फ व्यावसायीकरण के लिए संस्थान न खोलें. अभिभावकों का विश्वास
ऐसे संस्थानों से टूट रहा है.
विधान
पार्षद संजीव कुमार सिंह ने भी कहा कि सरकार निश्चित रूप से योजना चलाने के लिए
होती है लेकिन योजना के साथ-साथ गुणवता भी होनी चाहिए. सरकार तब सफल कही जायेगी जब
शिक्षा में गुणवता कैसे आये, रोजगार कैसे मिले, इस पर विशेष रूप से ध्यान दिया
जाय.
इस
दौरान त्रिभुवन यूनिवर्सिटी नेपाल से आये हुए प्रो० डा० संजना झा एवं कुशेश्वर झा,
बिहार यूनिवर्सिटी के प्रो० अमरनाथ झा, बनवारी शंकर महाविद्यालय सिमराहा, सहरसा से
आई हुई शोधार्थी भारती झा ने भी व्याख्यान दिया. कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक
कार्यक्रम का अनूठा नमूना दिखा. ‘मधुबन में राधिका नाचे रे’ संगीत की प्रस्तुति देकर महाविद्यालय के शिक्षक विनय कुमार
झा ने एनएसएस की छात्रा डिम्पल, आभा, शालिनी, मीरा एवं निधि को थिरकने पर मजबूर कर
दिया.
‘सिर्फ व्यावसायीकरण के लिए संस्थान न खोलें’: बारह दिवसीय शैक्षिक महोत्सव और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का समापन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 07, 2014
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