बहन से मिलकर लौट रहा था, पर अब कभी नहीं मिल सकेगा: शराब के नशे में ट्रक ड्राइवर ने इस कदर कुचला कि रोंगटे खड़ी कर देने वाली लाश को पहचानना था मुश्किल

शराब पीकर वाहन चलाना अपराध है, पर किसी और के अपराध की सजा किसी और को इस तरह मिलेगी यह किसी ने नहीं सोचा था. महज चौदह वर्ष का यह बालक चौसा के घोषई से होकर सायकिल से जा रहा था. बिहारीगंज थाना के कुम्हारपुर से बहन से मिलकर वापस आ रहा था. पर इससे पहले कि वह घर पहुँचता चौसा पूर्वी पंचायत के बदरी टोला के महताब आलम एक ट्रक (BR11 R 8592) ने महताब आलम को ऐसा कुचला कि लाश का सर और कंधा कई टुकड़ों में सड़क पर बिखर गया.
लोगों ने जब इस हृदयविदारक घटना को देखा तो सबने ट्रक ड्राइवर को पकड़ लिया और जम कर धुनाई कर दी. ट्रक ड्राइवर ने बताया कि उसका नाम संतोष कुमार है और वह बेगुसराय का रहने वाला है जबकि ट्रक मालिक पूर्णियां डीएम कोठी के पास का रहने वाला है. ट्रक ड्राइवर ने स्वीकार किया कि उसने दारू पी रखी थी और उसका ट्रक अनियंत्रित हो गया था.
मृतक महताब कुद्दुस उर्फ कारो का लड़का था. पिता दिल्ली-पंजाब में मजदूरी करते हैं और महताब आज बहन से मिलकर सायकिल पर कुछ ईख लेकर आ रहा था जो उसकी बहन ने उसे खाने को दिए थे. घटना के विरोध में ग्रामीणों ने चौसा-मधेपुरा मुख्य मार्ग को कई घंटे तक जाम रखा जिसे चौसा बीडीओ तथा कुछ जनप्रतिनिधियों ने उन्हें समझा कर खत्म करवाया.
घटना के बाद लाश इतनी अधिक क्षत-विक्षत थी कि उसे चेहरे से पहचानना संभव नहीं था. प्रशासन ने लाश की पहचान के लिए इलाके में लाउडस्पीकर से अनाउंस करवाया तब मृतक कि माँ ने आकर लाश की पहचान की. मद्य निषेध दिवस पर सरकार का स्लोगन मद्यपान नहीं, जिंदगी चुनें शायद मद्यपान करने वालों की खुद की जिंदगी के बारे में कहा गया था, पर सावधान, शराबी आपकी जिंदगी के लिए भी खतरा हैं. शराब पीकर वाहन चलने वालों का करें सामजिक बहिष्कार.
बहन से मिलकर लौट रहा था, पर अब कभी नहीं मिल सकेगा: शराब के नशे में ट्रक ड्राइवर ने इस कदर कुचला कि रोंगटे खड़ी कर देने वाली लाश को पहचानना था मुश्किल बहन से मिलकर लौट रहा था, पर अब कभी नहीं मिल सकेगा: शराब के नशे में ट्रक ड्राइवर ने इस कदर कुचला कि रोंगटे खड़ी कर देने वाली लाश को पहचानना था मुश्किल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 27, 2014 Rating: 5

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