मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जहां
फर्जी डाक्टरों और अवैघ क्लिनिक संचालकों के खिलाफ मुहिम चला रखा है वहीं पुरैनी प्रखण्ड
मुख्यालय के बाजार में फर्जी डाक्टरों एवं अवैध क्लिनिक संचालकों पर अब तक इस मुहिम
का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. पुरैनी बाजार में आज भी पहले की तरह फर्जी डाक्टरों, झोला छाप डाक्टरों का बोल
बाला है और जाहिर सी बात है जब स्थिति ऐसी होगी तो जनता तो मारी जायेगी ही.
ताजा घटना में पुरैनी प्रखंड मुख्यालय के
एक अधेड़ व्यवसायी की मौत पुरैनी के झोला छाप डाक्टर एम. के. विश्वास द्वारा बवासीर
का ऑपरेशन करने के बाद अत्यधिक रक्तश्राव की वजह से हो गई. पर हैरत की बात तो ये
रही कि घटना में दोषी डॉक्टर को सजा दिलाने की बजाय कुछ स्थानीय नेताओं और मेडिकल दुकानदारों
ने मामले को रफा-दफा कर दिया. यही नहीं कई लोगों ने आरोप यहाँ तक लगाया कि मामले को रफादफा करने में राजद के प्रखंड अध्यक्ष
सदरूल आलम भी शामिल थे और अंततः मृतक के आश्रित को डाक्टर से 1 लाख 11 हजार रूपये दिलवाकर
मामले को सबने मिलकर दबा दिया. हालांकि मामले की जानकारी पूरे प्रखंड के लोगों को
हो गई और मामले की लीपापोती की बात सुनकर कुछ राजद कार्यकताओं ने भी प्रखंड अध्यक्ष
सदरूल आलम को जमकर लतारा. यहाँ चिंता की बात तो ये रही कि जब राजद कार्यकर्त्ता ही
अगर इस तरह फर्जी डाक्टरों के मामले का रफा दफा करने लगे तो सांसद द्वारा फर्जी डाक्टरों
एवं अवैध क्लिनिक संचालक के खिलाफ चलाया जा रहा मुहिम कहां तक कारगर साबित होगा ?
क्या है पूरी घटना: मिली जानकारी के अनुसार बीते बुधवर की सुबह को पुरैनी
बाजार के दुर्गास्थान के पास रहने वाले लगभग 50 वर्षीय अधेड़ व्यवसायी अरूण कुमार साह
की मौत बवासीर का ऑपरेशन कराने के बाद हुए अत्यधिक रक्तश्राव से हो गई. मृतक की पत्नी
रंजू देवी ने बताया कि चार दिन पूर्व पुरैनी के समाज कल्याण चौक के समीप बंगाली डाक्टर
एम.के.विश्वास से बवासीर का ऑपरेशन करवाया था. ऑपरेशन के बाद से ही अरूण कुमार साह
को काफी ज्यादा मात्रा में रक्तश्राव होना शुरू हो गया जिससे मरीज अरूण साह की हालत
बिगड़ती चली गई इलाज के लिए पूर्णियां ले जाने के क्रम में रास्ते में ही अरूण कुमार
साह की साँसे थम गई.

सूत्र बताते हैं कि मरीज की मौत के
बाद मृतक के परिजनों ने आरोपी डाक्टर एम.के.विश्वास को अपने कब्जे में लेकर घंटो बंधक
बनाया. पर जैसे ही इसकी जानकारी पुरैनी के लोगों मिली तो खबर पूरे इलाके में फ़ैल
गई. इसी बीच मीडिया द्वारा जब कैमरे में मृत शरीर और परिजन के विलाप करते हुए दृश्य
को कैद किया जा रहा था तो समझौता करा रहे ग्रामीणों ने मीडियाकर्मियों को भी रोकना
चाहा. पर कहते हैं कि तब तक मामला 1 लाख 11 हजार में रफादफा हो गया. पुरैनी के कई
लोगों ने बताया कि पूर्व में भी इस डाक्टर के खिलाफ कई बार शिकायत पुरैनी थानाध्यक्ष
सुनील कुमार और पीएचसी प्रभारी अजय कुमार सिन्हा से की जा चुकी है.
पुरैनी जिप प्रतिनिधि सह युवा कांग्रेस आलमनगर विधान सभा अध्यक्ष प्रकाश
निषाद, राजद के युवा नेता हिमांशु यादव, युवा राजद पंचायत अध्यक्ष चन्दन दास, युवा
शक्ति के गौरव राय, राजद युवा नेता विवेक यादव उर्फ रंगबाज यादव आदि ने घटना की
निंदा करते हुए कहा कि राजद के प्रखंड अध्यक्ष सदरूल आलम द्वारा जिम्मेदार पद पर रहते हुए
इस तरह के मामले को रफा-दफा करने में संलिप्तता को सांसद के मुहिम को धक्का पहुंचाना है तथा यह दुखद
है. उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा देना चाहिए. साथ ही साथ ऐसे फर्जी डाक्टरों
को कड़ी-कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
मधेपुरा में झोला छाप डाक्टर ने ली अधेड़ की जान, मामला 1 लाख 11 हजार मे रफा दफा !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 30, 2014
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