|मुरारी कुमार सिंह|07 सितम्बर 2014|
“ऐ मुहब्बत तेरे
अंजाम पे रोना आया,
जाने क्यो आज तेरे
नाम पे रोना आया,
यूं तो हर शाम उम्मीदों में
गुज़र जाती थी,
आज कुछ बात है,
जो शाम पे रोना आया”
अंजाम पे रोना आया,
जाने क्यो आज तेरे
नाम पे रोना आया,
यूं तो हर शाम उम्मीदों में
गुज़र जाती थी,
आज कुछ बात है,
जो शाम पे रोना आया”
सचमुच आज की
शाम पूर्व में एक-दूजे का साथ जिंदगी भर निभाने की कसमें खाने वाले दो प्रेमियों
के लिए रूलाने वाला था. प्यार खत्म होने के बाद शुरू हुए तकरार का मामला मधेपुरा
थाना जा पहुंचा और पहले लड़के पर छेड़खानी का आरोप लगाने वाली लड़की ने बाद में
स्वीकार किया कि दोनों में पहले प्रेम सम्बन्ध था, अब नहीं है.
घटना आज देर
शाम की बताई जाती है, जब भर्राही क्षेत्र की पायल (बदला हुआ नाम) जिला मुख्यालय के
बड़ी महावीर मंदिर गई हुई थी. उसी समय मधेपुरा के वार्ड नं. 18 का एक युवक वहां
पहुंचा और फिर दोनों में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई. लड़के ने थाने में बताया कि
पायल ने उसे बार-बार ‘कमीना’ कहा और इसी बात पर उसे गुस्सा आया और उसने उसे थप्पड़ जड़ दिया. लड़की ने जब मोबाइल
से किसी को सूचना देना चाहा तो लड़का उसका मोबाइल छीनने लगा. बात बढ़ी तो लोग जमा
हुए तो लड़की ने अपने साथ छेड़खानी होने की बात बताई. वहाँ मौजूद लोग दोनों को लेकर
मधेपुरा थाना पहुंचे तो पायल ने थाना में लिखित आवेदन दिया कि लड़के ने उसके साथ
छेड़खानी की है और वह लड़के को पहले से नहीं जानती थी. पर लड़का इस जिद पर अड़ा रहा कि
उनदोनों में पहले प्रेम सम्बन्ध थे और वह इसका सबूत दे सकता है. बाद में लड़की ने
कबूल किया कि उनदोनों ने पहले प्रेम सम्बन्ध था, पर अब नहीं है. लड़का उसे फिर भी
तंग करता रहता है.
देखा जाय तो
यहाँ इस सम्बन्ध में प्यार जैसी कोई बात नहीं रही होगी. ये महज उम्र का एक आकर्षण
था जिसमें दोनों के बीच में सम्बन्ध तो बने, पर बाद में लड़की को जब नौकरी लगी और
जब उसे लगा कि इस लड़के के साथ वह जिंदगी नहीं बिता सकती है तो उसने उससे पीछा
छुड़ाने की कोशिश की, पर लड़के के लिए इस सम्बन्ध को आसानी से तोड़ लेना संभव नहीं
हुआ और वह लगातार उससे कॉन्टेक्ट करने के प्रयास में रहा. बात बढ़ गई और मामले में
दोनों की काफी फजीहत हो गई.
इस पूरे प्रकरण
पर प्रसिद्ध शायर शकील बदायूनीं की वो पंक्तियाँ फिट बैठती है कि-
“कभी तक़दीर का मातम कभी दुनिया का गिला
मंजिल-ए-इश्क़ में हर गम पे रोना आया
मंजिल-ए-इश्क़ में हर गम पे रोना आया
ऐ मुहब्बत तेरे अंजाम पे
रोना आया”.
ए मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया: पहले प्यार फिर तकरार अब थाना में गुहार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 07, 2014
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