|वि० सं०|25 अगस्त 2014|
देश में इन दिनों एक नए शब्द ‘लव जिहाद’ की चर्चा खूब हो रही है और इसके
समर्थन में खड़े लोगों का कहना है कि इसमें पहले तो अलग धर्म की लड़कियों को प्यार
के जाल में फंसाया जाता है और फिर उसका जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है.
मधेपुरा
में भी हाल में चर्चित एक मामले को कई लोगों ने ‘लव जिहाद’ का नाम दे दिया, जबकि उस मामले में लड़की ने साफ़ तौर पर
स्वीकारा कि वह गैर धर्म के लड़के से प्यार करती थी और निकाह व धर्म परिवर्तन उसने
स्वेच्छा से किया था.
पर आज
सामने आये एक और मामले में जहाँ जिले के बिहारीगंज थाना के सरौनी गाँव की रूखसार
के पिता मो० मोहीउद्दीन ने गाँव के ही सुबोध पर अपनी बेटी के अपहरण का मामला दर्ज
करा दिया था, ये मामला भी दोनों के बीच प्यार-मोहब्बत का ही निकला. गत 16 मई को
समाज की बंदिशें तोड़कर घर से भागे रूखसार-सुबोध को पुलिस ने जब बरामद किया तो
दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने मर्जी से घर से भाग कर शादी की है और वे काफी
दिनों से एक-दूसरे से बेइंतहां मुहब्बत करते आ रहे हैं और अब तो उन्होंने अपनी
दुनियां बसा ली है. रूखसार ने बताया कि उन्होंने हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार
विवाह कर लिया है. हम दोनों के बीच में धर्म के टकराहट की कोई जगह नहीं है. समाज
अपना धंधा देखें.
‘लव-जिहाद’ को फर्जी अवधारणा मानने वाले
लोगों का मानना है कि प्रेम न तो जाति या धर्म देखता है, और न ही सरहद की दीवारें.
ये तो बस हो जाता है. प्रेम सृष्टि के शुरुआत से ही चला आ रहा है और ये शायद
दुनियां के खत्म होने पर ही खत्म हो. हालांकि प्यार के कट्टर समर्थक तो यहाँ तक
मानते हैं कि दुनियां भले ही खत्म हो जाए, पर मुहब्बत किसी न किसी रूप में जिन्दा
तो रहेगी ही.
इसे भी ‘लव जेहाद’ ही कहें क्या?: मधेपुरा में दो धर्मों के लड़के-लड़की ने रचाई शादी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 25, 2014
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