|सुपौल से पंकज भारतीय|03 अगस्त 2014|
समय उहापोह का है. जितनी मुंह उतनी बातें. अफवाहों
का दौर संकट के समय में ऐसा चलता है कि लोग कुछ अधिक ही डर जाते हैं. कोसी से
आशंकित तबाही को दिखाने के मामले में टीआरपी की दौर में कई टीवी चैनल बेबुनियाद
खबर परोस रहे हैं. खबर अब की दिखा रहे हैं और वीडीओ पुरानी तबाही का दिखा कर लोगों
को डरा रहे हैं, जो सर्वथा अनुचित है.
जबकि
हकीकत कुछ और ही है. एलर्ट जारी कर दिया गया है वो बिलकुल सही है, पर एलर्ट का ये
मतलब कतई नहीं है कि लोगों में भगदड़ की स्थिति पैदा हो. एलर्ट का मतलब है कि आप
सचेत रहें और प्रशासन के निर्देश का इन्तजार करें. प्रशासन ने जिन इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने को कहा है जाहिर है उनके अलावे बाकी सिर्फ सतर्क रहें बिना निर्देश के घर-बार छोड़ कर भागने की आवश्यकता नहीं है.
जहाँ तक
नेपाल में कल हुए भूस्खलन से बिहार में अभी तक खतरा नहीं पहुंचा है. कल भूस्खालित चट्टान
को ब्लास्ट से तोड़ने के बाद पानी की रफ़्तार अबतक नियंत्रण में है. चट्टान को आंशिक
रूप से तोड़ा गया ताकि पानी एकसाथ वेग से न चल सके. सबसे महत्वपूर्ण बात हम आपको ये
बता रहे हैं कि चट्टान तोड़ने के बाद थोड़ा बढ़ा पानी अब तक बराज तक नहीं पहुंचा है.
एक अनुमान है कि पानी आज शाम सात बजे के आसपास बराज तक पहुंचे. मधेपुरा के पाठकों
को हम याद दिलाना चाहेंगे कि 2008 में कुसहा बाँध के टूटने की तारीख 18 अगस्त थी
और मधेपुरा तक पानी 22 अगस्त को उल्लेखनीय ढंग से पहुंचा था. बराज तक अतिरिक्त
पानी पहुँचने के बाद ही किसी बड़े खतरे का अनुमान लगाया जा सकता है.
दरअसल
कोसी के बारे में पूरी जानकारी अधिकाँश पत्रकारों समेत अधिकाँश लोगों को नहीं है
जिसकी वजह से 2008 में भी अखबार और टीवी चैनलों पर सच के साथ भ्रामक ख़बरों की भी
भरमार थी. कुछ चैनलों ने तो आज 25 लाख क्यूसेक पानी अचानक आने की आशंका जता दी.
जबकि कोसी मामलों के जानकार बताते हैं कि 25 लाख क्यूसेक का मतलब करीब 30 फीट की
ऊँचाई से पानी का चलना हो सकता है जिससे तीन करोड़ से अधिक की आबादी बुरी तरह
प्रभावित हो सकती है जो वर्तमान स्थिति में कहीं से सही नहीं जान पड़ता है.
वैसे भी
अबतक माना यही जा रहा है कि तटबंध के भीतर खतरा है जबकि तटबंध के बाहर सिर्फ
सावधान रहने की जरूरत है ताकि यदि हालात अचानक से बिगड़ते हैं तो वे समय रहते
सुरक्षित स्थानों पर जा सकें. डरें नहीं सतर्क रहें.
(बाढ़ पर
अगला अपडेट जल्द ही)
कई टीवी चैनलों की ख़बरें भ्रामक: अफवाहों से बचें, स्थिति अबतक पूरी नियंत्रण में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 03, 2014
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