जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए सेविका चयन में लूट का खेल जारी: कुमारखंड के एक मामले में अनियमितता स्पष्ट
|वि.सं.|06 जुलाई 2014|
सूबे में आंगनबाड़ी केन्द्रों में लूट को रोकना शायद
भगवान के वश से भी बाहर की बात है. कारण साफ़ है इसे जानिए. यहाँ आपसी सहमति से लूट
का खेल जारी है. केन्द्रों पर जारी अनियमितता की जांच अक्सर सीडीपीओ करती है और
मधेपुरा में लगभग शत-प्रतिशत केन्द्रों पर बच्चों की उपस्थिति को लेकर गडबडी है और
सेविकाएं जानती हैं कि यदि सीडीपीओ के हाथ में उसकी नौकरी है और जब केन्द्रों पर
गडबड़ी है तो क्यों नहीं मिल-बाँट कर खाया-पचाया जाय.
अब
खाने-पकाने की आदत लगी है तो सेविकाओं के चयन के ‘सुअवसर’ को क्यों गंवाया जाय. सेविका के चयन के मामले में बहुत
सारे लोगों का आरोप है कि सीडीपीओ ने लाख-दो लाख रूपये लेकर गलत उम्मीदवारों का भी
चयन कर लिया. जिसे मार्क्स कम थे, उन्हें सूची में ऊपर लाया गया और आरोप है कि ऐसे
जबरन कृत्य को अंजाम देने के पीछे लाखों और जिले भर में करोड़ों का खेल चला है.
मधेपुरा
जिले के कुमारखंड प्रखंड का एक मामला तो ऐसा है जिसमें अनियमितता साफ़ नजर आ रही है
पर नीचे से ऊपर तक के अधिकारी इस मामले पर कुछ नहीं कर रहे हैं. ऐसे में शक करने
का आधार तो बनता ही है कि नीचे से ऊपर तक अधिकारी मिले हुए हैं.
कुमारखंड
प्रखंड के बिशनपुर कोरलाही वार्ड नं.4 में सेविका पद के लिए चयन के लिए हुए आवेदन
के बाद जारी 10 उम्मीदवारों की लिस्ट में रम्भा देवी को प्रथम, रिंकू कुमारी को
द्वितीय और अंजनी देवी को तीसरे स्थान पर रखा गया है. रम्भा कुमारी को 65.14,
रिंकू कुमारी को 58.57 तथा अंजनी देवी को 57.55 मेधा अंक दिए गए हैं. जबकि इनमें
से अंजनी देवी का दावा है कि क्रम संख्यां 1 पर रखे गए आवेदिका के इंटर के अंकपत्र
से यह स्पष्ट है कि वह इंटर फेल है और उसने इस फेल वाले ऑरिजिनल अंकपत्र को छुपा
कर उसके बदले में फर्जी प्रमाणपत्र आवेदन के साथ लगा दिया था. सीडीपीओ को सारी
जानकारी देने के बाद भी इस सूची में कोई सुधार नहीं की गई.
जिलाधिकारी
के जनता दरबार में गुहार लगा चुकी अंजनी देवी कहती है कि अनुश्रवण समिति द्वारा जब
आपत्ति निराकरण किया जा रहा था तो सूची में मौजूद क्रमांक संख्यां 1 और 2
अनुपस्थित थी. अंजनी देवी का आरोप है कि कुमारखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय
के बड़ा बाबू नवल साह खुले आम कहते हैं कि किसी के चिल्लाने से कुछ नहीं होगा. चयन
मेधा क्रमांक 1 का ही होगा. सीडीपीओ सुरभि कुमारी कहती है कि नियमों के अनुसार
प्रमाणपत्रों की जाँच चयन प्रक्रिया के बाद की जाती है. इस मामले के प्रमाणपत्र का
सत्यापन कराया जा रहा है.
रक
दूसरे मामले में बिहारीगंज थाना के गमैल वार्ड नं. 9 की प्रेमलता कुमारी ने आरोप
लगाया है कि उसे अच्छे अंक होने के बावजूद वहां कम अंक वाले ममता कुमारी का चयन
सीडीपीओ ने रूपये-पैसे लेकर कर दिया है.
अब
देखना है कि प्रशासन के द्वारा किस तरह से जांच कराये जाते हैं और यदि लगाये आरोप
सही हैं तो क्या फर्जी प्रमाणपत्र दाखिल करने वाले को सूची से बाहर कर क्या उसके
खिलाफ एफआईआर दर्ज कराये जाते हैं या नहीं ?
जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए सेविका चयन में लूट का खेल जारी: कुमारखंड के एक मामले में अनियमितता स्पष्ट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 06, 2014
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