अनशनकारियों की हालत बिगड़ी: यूनिवर्सिटी की करतूत से छात्रों की जान पर खतरा

 |नि० सं०|24 जुलाई 2014|
मंडल विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही विवादों और भ्रष्टाचार के घेरे में हैं. यूनिवर्सिटी को जहाँ अधिकारियों ने अपनी निजी संपत्ति बनाकर छोड़ा है वहीँ यहाँ के छात्रों का न सिर्फ भविष्य इन्होनें गर्त में डाल दिया बल्कि अब लगता है विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की जान की भी रत्ती भर परवाह नहीं है.
      पीजी हिन्दी विभाग के 66 छात्रों की परीक्षा इसी सत्र में लेने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में आमरण अनशन पर बैठे छात्रों में से दो की हालत आज बिगड़ गई. एनएसयूआई के बैनर तले चल रहे अनशन में आज दो अनशनकारी गणेश कुमार और श्रीकांत राय की हालत बिगड़ चुकी है. जांच करने पहुंचे सदर अस्पताल के चिकित्सक ओम नारायण यादव ने जानकारी दी कि भूख की वजह से अनशनकारी गणेश कुमार का ब्लड प्रेसर काफी कम होकर 90/60 हो चुका है जबकि श्रीकांत राय का ब्लड प्रेसर अत्यधिक बढ़कर 144/102 हो चुका है. बताया गया कि दोनों अनशनकारी खतरे में हैं. तीन दिनों से अनशन पर बैठे तीन छात्रों में से एक अन्य छात्र रूपेश कुमार की हालत स्थिर बताई गई है जबकि आज दो अन्य छात्र प्रकाश कुमार और सरोज कुमार भी अनशन में शामिल हो गए हैं.
      शाम में जिस समय मधेपुरा टाइम्स अनशन स्थल पर पहुंची उस समय विश्वविद्यालय के प्रो० वीसी और पूर्व रजिस्ट्रार विश्वनाथ विवेका भी मौजूद थे. प्रो० वीसी का कहना था कि वे अनशन समाप्त करवाने के प्रयास में हैं. पर मधेपुरा टाइम्स ने जब प्रो० वीसी से यह पूछा कि इन छात्रों की मांगों पर क्या किया गया तो बताया गया कि वीसी पटना गए हैं उनसे लगातार बात हो रही और समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
      जाहिर था विश्वविद्यालय प्रशासन समस्या को पेंच में फंसाए हुए है और यहाँ छात्रों की जान पर आ बनी है. हमारे यह पूछने पर कि क्या इन बच्चों से वीसी को फोन से बात नहीं करना चाहिए था, क्या उनकी कोई जवाबदेही नहीं है कि वे इन्हें फोन पर ही सही इन बच्चों को समझाकर और वाजिब आश्वासन देकर इनकी जान बचाएं. तब जाकर प्रोवीसी ने हमारे सामने ही वीसी से बातें की और अनशनकारियों से भी उनकी बात कराई. वीसी ने फोन पर माना कि पूर्व में विश्वविद्यालय की तरफ से गलती हुई है और इसकी जांच कराई जा रही है परन्तु जिन छात्रों को नामांकन के बाद भी परीक्षा देने नहीं दिया जा रहा है उनके लिए सीट बढ़ाये बिना कुछ संभव नहीं है और किसी भी विभाग में सीट राज्यपाल के स्तर से ही बढ़ाया जा सकता है. वे पटना में हैं और राज्यपाल से इसकी मांग करेंगे, परन्तु अभी आदेश लाने में सक्षम नहीं है. अदूरदर्शिता का परिचय देते हुए जब वीसी ने छात्रों को राजभवन के सामने अनशन करने की सलाह दे डाली तो छात्र छात्रनेता श्रीकांत राय ने साफ़ शब्दों में कहा कि तब आप वीसी क्यों हैं? मांगों के हिसाब से ठोस आश्वासन नहीं मिल पाने की वजह अनशन जारी था.
(वीसी से छात्र नेता की बातचीत का वीडियो सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें.)
अनशनकारियों की हालत बिगड़ी: यूनिवर्सिटी की करतूत से छात्रों की जान पर खतरा अनशनकारियों की हालत बिगड़ी: यूनिवर्सिटी की करतूत से छात्रों की जान पर खतरा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 24, 2014 Rating: 5

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