नाबालिग से गैंगरेप मामले में आईपीसी के अलावे लगी ‘पोक्सो’ की धाराएँ, बलात्कारियों को हो सकती है उम्रकैद

मधेपुरा में गत 13 मई को हुए एक गैंगरेप के मामले में पहली बार आईपीसी की धाराओं के अलावे 2012 में बने Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012 (पोक्सो) की धारा लगाकर मधेपुरा पुलिस ने इस मामले के बलात्कारियों पर कड़ा शिकंजा कस दिया है.
      घटना में भर्राही थाना के मधुबन गाँव में नाबालिग कंचन (काल्पनिक नाम) के साथ गांव के ही रंजीत पासवान और उसके दोस्त राजकुमार यादव ने उस समय बलात्कार को अंजाम दिया था, जब कंचन शौच के लिए घर के पास के मकई खेत में गई थी.
      मामला दो दिनों तक दबा रहा और फिर जब मुकदमा हुआ तो पीड़िता के मेडिकल जांच में बलात्कार के साक्ष्य मिले. पीड़िता के अंत:वस्त्र पर जहाँ बलात्कार के निशान थे वहीँ शरीर के अंदर भी घाव बन चुके थे. पीड़िता के कपड़े को मधेपुरा महिला थानाध्यक्ष प्रमिला ने जांच के लिए जहाँ फॉरेंसिक लैब भेज दिया वहीं मामले को भारतीय दंड संहिता की धारा 376/34 के अलावे पोक्सो की धारा 4 के अंतर्गत भी दर्ज किया है.
      महिला थानाध्यक्ष प्रमिला विश्वास जताती हैं कि मामले में अभियोजन काफी मजबूत स्थिति में है और पीड़िता ने न्यायालय मे 164 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत भी घटना का पूरा समर्थन किया है और इस घटना में पोक्सो की धारा 4 लग जाने की वजह से आरोपियों को उम्रकैद की सजा हो सकती है.

क्या कहता है पोक्सो (Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012) की धारा 4: Whoever commits penetrative sexual assault, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than seven years but which may extend to imprisonment for life, and shall also be liable to fine.
(वि.सं.)
नाबालिग से गैंगरेप मामले में आईपीसी के अलावे लगी ‘पोक्सो’ की धाराएँ, बलात्कारियों को हो सकती है उम्रकैद नाबालिग से गैंगरेप मामले में आईपीसी के अलावे लगी ‘पोक्सो’ की धाराएँ, बलात्कारियों को हो सकती है उम्रकैद Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 26, 2014 Rating: 5

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