तीनों मुख्य प्रत्याशी मना रहे जीत का जश्न, किसे मिलेगा ताज और क्या बाक़ी नौ की जमानत हो जायेगी जब्त?: मधेपुरा चुनाव डायरी (83)
|वि० सं०|01 मई 2014|
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के लिए चुनाव समाप्त हो चुके
हैं. प्रत्याशियों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कैद हो चुकी है. कुल
सवा 17 लाख वोटरों में से सवा 10 लाख ने अपना फैसला बटन दबा कर कैद करवा दिया है.
मैदान में खड़े 12 प्रत्याशियों में से तीन मुख्य को छोड़ बाकी नौ की जमानत जब्त हो
जाने की पूरी-पूरी सम्भावना है. क्योंकि पड़े वोट का 1/6 वें भाग से अधिक लाने पर
ही जमानत बचेगी, यानि कि इस बार मधेपुरा के किसी भी प्रत्याशी को जमानत बचाने के
लिए 1 लाख 70 हजार वोट चाहिए, जो इन नौ में से किसी के लिए हिमालय पर चढ़ने जैसा
साबित होगा और इनकी जमानत जब्त होने का रास्ता साफ़ प्रतीत होता है.
मधेपुरा
लोकसभा क्षेत्र के वोटरों ने निश्चित रूप से बुद्धिमता का परिचय दिया है है. नेता
तो सदियों से जनता को उल्लू बनाने का काम किया है, इस बार चुनाव के बाद नेता उल्लू
बन रहे हैं. यदि तीन अपनी जीत के दावे प्रस्तुत कर रहे हैं तो जाहिर सी बात है
इनमें से दो जनता के द्वारा उल्लू बन रहे हैं, क्योंकि जीत का सेहरा तो एक के सर
ही बंधना है. वैसे भी दावों को देखते हुए नेता और उनके समर्थकों की विद्वता इस
कारण से भी झलकती है कि दस लाख से अधिक वोटरों ने किसके पक्ष में बटन दबाया ये किस
विज्ञान से इन्हें पता चला.
चलिए मौका
है, अभी 16 मई तक गेंद जनता के पाले में है, उसके बाद तो पांच सालों के लिए जनता
को उल्लू बनना ही है. वैसे भी जीत का दावा ठोकने वाले प्रत्याशियों का दिल भी
दूसरे को भी दावा ठोंकते देख आशंका से धड़क रहा है.
तीनों मुख्य प्रत्याशी मना रहे जीत का जश्न, किसे मिलेगा ताज और क्या बाक़ी नौ की जमानत हो जायेगी जब्त?: मधेपुरा चुनाव डायरी (83)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 01, 2014
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