|ब्रजेश सिंह|22 फरवरी 2014|
विज्ञान का लक्ष्य लोगों को बेहतर बनाना है. परंतु यदि
विज्ञान विनाश लेकर आती है तो वह विज्ञान नहीं कहलाएगी. आज आम आदमी के ज्ञान की नीति
पर अगर सरकार काम करे तो समाधान अवश्य होगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों का
तंत्र होना चाहिए. लेकिन आज तंत्र का लोग होकर
रह गये हैं. आज स्थानीय नीति निर्धारक एक इंजीनियर से ज्यादा जागरूक होता है. अगर स्थानीय
लोगों से जनसंवाद कर बांध, पुल व सड़क का निर्माण करे तो विकास जनहित में होगा.
हिमालय से जुड़े आठ देशों की विकास
व नीति निर्माण संबंधी अध्ययन करने वाली अन्तर्राष्ट्रीय संस्था आईआईसीमोड व अनुग्रह
नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान पटना के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को आजीविका
के सवाल पर कोशी क्षेत्र की सामाजिक व आर्थिक अध्ययनकर्ता के नेतृत्वकर्ता डॉ.एम दिवाकर
ने मधेपुरा टाइम्स से विशेष बातचीत में उक्त बातें कही. उन्होंने यह भी कहा कि कोशी
अंचल के कटाव पीड़ितों को देखने से ऐसा लगता है कि कोशी पीड़ितों तक पहुँचने का प्रयास
आज भी चुनौती है. वे बोले, कि दरभंगा के कुशेश्वर, सहरसा के कबीराधाप व मधेपुरा
के मुरौत के अध्ययन से पता चला कि आज इन इलाकों के गरीब, मजदूर व किसानों की नजर पुनर्वास
के लिए संसद की ओर टक-टकी लगाए हुए है. कोशी कटाव पीड़ित जनता को कब ऐसा लगेगा वह भी
विकास का भागीदार है. यह एक यक्ष प्रश्न है.
आम आदमी के ज्ञान की नीति पर काम करे सरकार: डॉ. दिवाकर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 22, 2014
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