|वि० सं०|25 जनवरी 2014|
वर्ष 2010 के एक मामले को लेकर मधेपुरा जिले के
बिहारीगंज के तत्कालीन थानाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह के खिलाफ मधेपुरा के एक
न्यायालय ने संज्ञान ले लिया है. बिहारीगंज के तत्कालीन थानाध्यक्ष पंकज कुमार
सिंह वर्तमान में इन्स्पेक्टर के पद पर प्रोन्नत होकर भागलपुर में पदस्थापित हैं.
घटना 17
जनवरी 2010 से 21 जनवरी 2010 के बीच की बताई गई है. न्यायालय में बिहारीगंज के
कुस्थन पंचायत के मुखिया मो० आजाद के द्वारा दर्ज कराये गए परिवाद पत्र संख्यां
55/2010 के मुताबिक़ उसके नाबालिग पुत्र मो० कादीर को शाम में थानाध्यक्ष ने पूना
परीक्षा देने गई पटना की एक लड़की के अपहरण के मामले में गिरफ्तार कर हाजत में बंद
कर दिया था. मो० आजाद जब बेटे का सिम और सेट लेकर थाना पर पहुंचे तो थानाध्यक्ष ने
उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके बेटे को चार दिन बाद हाजत से छोड़ा.
न्यायालय
में इस घटना को लेकर दर्ज परिवाद पत्र पर मधेपुरा के एसडीजेएम कोर्ट ने धारा 343,
504, 506 आईपीसी के तहत संज्ञान लेते हुए अभियुक्त के खिलाफ नोटिश जारी करने का
आदेश दिया है.
उधर भागलपुर
में पदस्थापित बिहारीगंज के तत्कालीन थानाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह से जब मधेपुरा
टाइम्स ने उनकी प्रतिक्रिया ली तो श्री सिंह ने बताया कि पुणे पुलिस के द्वारा
दर्ज मामले में 17 जनवरी 2010 को उन्होंने मो० कादिर को पूछताछ के लिए बुलाया था
और कुछ ही देर के बाद पी० आर० बौंड पर लड़के को मो० आजाद को सौंप दिया था और फिर पुणे
पुलिस की मौजूदगी में 21 तारीख को कुछ देर की पूछताछ के लिए बुलाया था. हाजत में
रखे जाने और दुर्व्यवहार की बात पूरी तरह मनगढंत है. बिहारीगंज थाना के स्टेशन
डायरी से इस बात कीई पुष्टि की जा सकती है. उन्होंने यह भी बताया कि उसी दिन मो०
आजाद के घर से चोरी की मोटरसायकिल भी बरामद हुई थी. उनके खिलाफ किया गया मुकदमा
पूरी तरह साजिश है. वे न्यायालय को पूरे सबूत के साथ सच्चाई से अवगत कराएँगे.
मधेपुरा में रहे थानाध्यक्ष पर न्यायालय ने लिया संज्ञान: मामला मुखिया-पुत्र से जुड़ा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 25, 2014
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