मधेपुरा में एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ सूर्य देवता के
साथ माँ काली की पूजा साथ-साथ की जाती है. हालांकि इस मंदिर में जहाँ काली की पूजा
सालों भर होती है, वहीं सूर्य की पूजा आस्था के महापर्व छठ के दौरान मूर्ति बनाकर
की जाती है.
काली
मंदिर के व्यवस्थापक गोपी बताते हैं कि इस मंदिर में आकर आपको एक अद्भुत शान्ति का
एहसास होता है और यहाँ माँ काली के साथ सूर्य के विराजमान होने के कारण यह मंदिर
आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करने में सक्षम है.
इस वर्ष
सूर्य देवता की मूर्ति बनने का काम शुरू हो गया है जिसे स्थानीय कलाकार अमरदीप जीवंत
रूप प्रदान कर रहे हैं. गोपी बताते हैं कि अभी उनकी मदद विकास, रौशन, गुड्डू,
रिकेश आदि स्थानीय युवक कर रहे हैं.
कुछ
मिलाकर छठ के दिन एक ही मंदिर में एक ही छत के नीचे माँ काली और सूर्य देवता को
एकसाथ देखना मधेपुरा के श्रद्धालुओं के लिए काफी सुखद एहसास होता है.
एक मंदिर ऐसा भी जहाँ साथ होती है सूर्य और काली की पूजा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 05, 2013
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