मधेपुरा का शिक्षा विभाग. जानने वाले जानते हैं कि
ये सड़-गल गया है. लोग कहते हैं कि इसकी व्यवस्था भी सड़ी-गली है. कम से कम कल के एक
घटनाक्रम से तो ऐसा ही लगता है. हुआ यूं कि रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित राज्य
स्तरीय प्रतियोगिता जो औरंगाबाद में 23 से 25 नवंबर तक चलना था, के लिए मधेपुरा के
शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से इसमें मधेपुरा के लड़के-लड़कियां
खिलाड़ियों को भेजने का निर्णय तो कर लिया गया, पर देखिये उसके बाद शिक्षा विभाग ने
कैसे मधेपुरा के खेल और खिलाड़ियों को बेइज्जत किया.
प्रतियोगिता
की तैयारी के लिए जिला कबड्डी संघ के सचिव अरूण कुमार को आननफानन में भार सौंपा
गया. साथ ही खिलाड़ियों को ले जाने का भार शिक्षा विभाग के टीपी कॉलेजिएट स्कूल के
फिजिकल टीचर श्रीकांत सुमन और बिहारीगंज की नूतन कुमारी को भार सौंपा गया. पर एन
मौके पर स्टेशन पर जब नूतन कुमारी खिलाड़ियों को लेकर पहुंची तो टीचर श्रीकांत सुमन
वहां पहुंचे ही नहीं. जबकि खिलाड़ियों की तरफ से उन्हें औरंगाबाद में पंजीयन में
रूपये भी जमा करने थे. खिलाड़ियों के लिए न खाने-पीने की व्यवस्था की गई और न ही
ड्रेस ही दिया गया. कुल मिलाकर स्टेशन पर उहापोह की स्थिति बनी रही और खिलाड़ी वापस
हो गए.
जिक्ला
कबड्डी संघ के सचिव इसे गंभीर मामला मानते हुए जिलाधिकारी से शिक्षा विभाग के
पदाधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है.
खिलाड़ियों के साथ शिक्षा विभाग का घटिया मजाक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 23, 2013
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