|राजीव रंजन|15 अक्टूबर 2013|
दुर्गापूजा की नवमी और दशमी को श्रद्धालुओं के
उत्साह पर भले ही मौसम ने पानी फेर दिया हो, पर आज प्रतिमाओं का विसर्जन
श्रद्धापूर्वक किया गया. सुबह से ही जब मौसम ने राहत देना शुरू किया तो फिर भक्त
पहुँच गए मंदिरों में माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का अंतिम दर्शन करने.
भव्य मूर्तियां ट्रैक्टर पर रखी जाने लगी तो मंदिरों के आसपास मेला जैसा लग गया. श्रद्धालुओं की आँखें जहाँ माँ की विदाई को देखकर नाम थी वहीं प्रशासन इस बात को लेकर चौकस था कि मूर्ति विसर्जन के दौरान असामाजिक तत्वों के द्वारा कहीं कोई हादसा उत्पन्न करने के प्रयास न किये जाएँ. मूर्तियों के साथ जहाँ पुलिस बल भी तैनात थे वहीं मूर्ति विसर्जन के लिए सर्वाधिक भीड़ वाले भिरखी पुल पर व्यवस्था बिपिन कुमार के नेतृत्व में कमांडो दस्ते ने कमान संभाल ली और गाड़ियों को एक-एक कर निकाला गया. मूर्ति विसर्जन में दौरान ‘डीजे’ की अनुमति नहीं होने के कारण भी सबकुछ नियंत्रण में रहा.
कुल
मिलकर दुर्गापूजा जहाँ शुरू में उल्लासपूर्ण रहा वहीं बाद में मौसम की वजह से फीका
हो गया और बड़ी मार मेले में कमाई के उद्येश्य से कर्ज लेकर सामान खरीदने वाले छोटे
दुकानदारों पर भी पड़ी. वैसे भी कहा गया था कि इस बार देवी दुर्गा पालकी पर सवार
होकर आ रही हैं और हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी जिसे अशुभ मानते हुए आपदा का
लक्षण मन गया था और काफी हद तक ये सच भी साबित हुआ.
प्रशासन की चौकसी में संपन्न हुआ प्रतिमाओं का विसर्जन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 15, 2013
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