फिर धोखा:कोशी न्यायिक जाँच आयोग की मियाद ख़त्म, कोई रिपोर्ट नहीं

जबसे 18 अगस्त, 2008 में कोसी पर कुसहा में बांध टूटने से कोसी क्षेत्र के मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, अररिया, पूर्णिया, खगडिया, कटिहार आदि जिलों में हुई तबाही में हजारों लोगों को अपने घर-द्वार छोड़ना पड़ा, खेतों में आज तक बालू फैले हुई है, लाखों पशुधन का नुकसान हुआ, तब से लोग जानते हैं की यह तबाही नितीश कुमार की सरकार की अपराधिक लापरवाही का नतीजा थी. भले शरद यादव ने शातिराना तरीके से इसे नेपाली माओवादियों की साजिश कहा हो या खुद नितीश कुमार इसे कुदरती कहर करार दिया हो. अपनी सरकार और तत्कालीन जल संसाधन मंत्री बिजेंद्रयादव के गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए नितीश कुमार की सरकार ने 30 सितम्बर, 2008 को एक सदस्य राजेश वालिया कोसी न्यायिक जाँच आयोग का गठन किया जिसे इस सम्बन्ध में अपनी रिपोर्ट 3 महीने में देनी थी। 18 अगस्त, 2013 को कोसी आपदा के 5 साल पूरे होने के बाद भी राजेश वालिया आयोग, सरकार से एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन ले रही थी। पर इस 30 सितम्बर, 2013 को इस न्यायिक जाँच आयोग के 5 वर्ष की मियाद पूरी हो गयी और आयोग ने कोई रिपोर्ट नहीं दी। इस तरह कोसी की जनता को सुशासन बाबू ने फिर ठग लिया। गौरतलब है कि इस एक सदस्य आयोग पर, RTI से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 5 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। सुशासन के काले कारनामों को छुपाने की कीमत जनता को काफी महँगी पड़ रही। अगर यही राशि कोसी त्रासदी से प्रभावित जनता के बीच बाँट दी गयी होती, तो शायद कुछ राहत जनता को मिल जाती।



सुनील कुमार, 
मधेपुरा
फिर धोखा:कोशी न्यायिक जाँच आयोग की मियाद ख़त्म, कोई रिपोर्ट नहीं फिर धोखा:कोशी न्यायिक जाँच आयोग की मियाद ख़त्म, कोई रिपोर्ट नहीं Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 15, 2013 Rating: 5

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