मुंह काला कर बनाया बिन ब्याही माँ, अब पहचानने से इंकार

|दिलीप राज|14 सितम्बर 2013|
पूर्णियां में एक महिला 14 महीने के बच्चे के  पिता की तलाश में भटक रही है. इस महिला के साथ जिसने मुंह काला करके  बच्चे को जन्म देने को मजबूर कर दिया था, वो आज इसे पहचानने से भी  इंकार कर रहा है सामजिक पहल जब काम  नहीं आया तो कानून का दरवाजा खटखटाना पड़ा.
पूर्णिया समाहरणालय कैंपस में  गोद में बच्चा लिए अक्सर घूमती महिला  का  नाम जमीला खातून है जो कृत्यानंद थानाक्षेत्र के जोगाचक गाँव की रहनेवाली है. इसके साथ गाँव के ही दबंग युवक ने मुंह काला करके इसे बिन व्याही माँ बनाया है, जो अब पंचायत में इस बिन व्याही माँ को पहचानने से भी इंकार कर रहा है. अब ये कानून का दरवाजा खटखटाने आई है.
सरकार ने निर्मल ग्राम योजना चलाई है पर जमीला के घर में  शौचालय नहीं है लिहाजा शौच  के लिए बाहर जाना पड़ता है. आज से डेढ़ साल पहले हर दिन की भांति  जमीला रात्रि में शौच के लिए निकली थी. गाँव के ही एक दबंग शफीक नमक युवक  ने अँधेरे का फ़ायदा  उठाकर जमीला के साथ मुंह काला किया और उसकी इज्जत तार-तार कर दी.  
जमीला ने इसकी शिकायत  घरवालों से की, पंचायत हुआ पंचायत में मामला शादी पर तय हुआ. समय बीतता गया पर शादी नहीं हुई और जमीला शफीक के इन्तजार में बिन ब्याही माँ बन गयी.इसके बाद फिर से पंचायत हुआ. पर इस बार तो शकील ने इस बिन ब्याही माँ को पहचानने से ही इंकार कर दिया. जमीला के पांव तले से जमीन खिसक गई. जमीला  आत्महत्या पर उतारू थी पर बच्चे का मुंह देख कर सिर्फ जीने का ही फैसला ही नहीं किया बल्कि 14 महीने के बच्चे को पिता का नाम दिलाने के लिए भी संघर्ष शुरू कर दिया है. अब देखना है कि क़ानून जमीला के बच्चे को उसका बाप दिला पाता है या फिर एक औरत की वाही पुरानी कहानी एक बार फिर दुहराई जाती है.
मुंह काला कर बनाया बिन ब्याही माँ, अब पहचानने से इंकार मुंह काला कर बनाया बिन ब्याही माँ, अब पहचानने से इंकार Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 14, 2013 Rating: 5

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