खबर चौंकाने वाली है और साथ ही उस बिहार में ईमानदारी से जीने वालों के हाल को
भी दर्शाता है जहाँ कई बेईमान-शैतान नेता अय्यासी में जिंदगी जी रहे हैं. भोला
पासवान शास्त्री न सिर्फ तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री ही रहे बल्कि राज्यसभा में
प्रतिपक्ष के नेता, विधानसभा में चार बार प्रतिपक्ष के नेता और केन्द्र में मंत्री
भी रहे. पर आज उनका परिवार फटेहाल अवस्था में जीने को मजबूर है.
पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री की जयंती पूर्णियां स्थित उनके पैतृक गाँव बैरगाछी में राजकीय सम्मान
के साथ हर साल मनाया जाता है. समारोह में बिहार सरकार के
मंत्री भी आते है भाषण बाजी होती है. इस गाँव की उन्नति के
लिए हर साल वादे किये जाते हैं और आश्वासन दिए जाते है. पर इस गाँव की बात तो छोड़ दीजिए
जिस घर में भोला पासवान शास्त्री ने जन्म
लिया था, आज भी यथावत है वही झोपडी और वही टूटी हुई खाट. इनके परिवार वालों के लिए एक शौचालय तक नहीं है. परिवार को शौच के लिए बाहर मैदान में जाना पड़ता है. ऐसा भी नहीं है की भोला
पासवान शास्त्री के भतीजा बिरंची पासवान ने इसके लिए
प्रयास नहीं किया, निर्मल ग्राम योजना

के तहत मिलने वाली सुविधा के लिए सरकारी दफ्तर का
चक्कर काटते-काटते थक गए पर इनको शौचालय बनवाने के लिए राशि नहीं मिली. 21 सितम्बर को हर साल की
भांति फिर स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री की 100 वी जयंती मनायी गयी.
इस बार बिहार सरकार के योजना एवं विकास
मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव मुख्य अतिथि के रूप में आये
थे. इन्होने सभा को
संबोधित किया और कई वादे किये, मगर वादों से सरकार चल सकती है बिरंची पासवान का विकास नहीं हो सकता. लिहाजा बिरंची पासवान ने महज शौचालय
के लिए संसद से हाथ फैलाया और पूर्णिया के सांसद ने इसके लिए 51 हज़ार की राशि मुहैया करवाई जिसे पाकर बिरंची पासवान सांसद का गुण-गान कर
रहे है.
पूर्णिया के
संसद ने बिहार सरकार पर कटाक्ष
करते हुए बताया कि जब स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री के परिवार वालो का यह हाल है तो बाकी का अंदाज़ा लगाया जा
सकता है.
अब देखना यह होगा है
कि इस बार मंत्री जी के द्वारा की गई घोषणाएं भी वक्त
के साथ दम तोड़ जाती हैं या फिर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भोला पासवान
शास्त्री के गाँव के साथ सचमुच न्याय होता है.
तीन बार रहे मुख्यमंत्री का परिवार दाने-दाने को मुंहताज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 25, 2013
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