भाई-बहन के प्रेम के पर्व रक्षा-बंधन का रहा उत्साह

 |ए.सं.|21 अगस्त 2013|
रक्षा बंधन का त्यौहार आज जिले भर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. भाई-बहन के प्यार का प्रतीक यह पर्व जहाँ कुछ लोगों ने कल ही मनाया वहीँ जिले के अधिकाँश लोगों इस महान पर्व को आज मनाया. वैसे तो राखियों की दुकानें गत सप्ताह से ही सजी थी और अधिकाँश बहनों ने अपने भाइयों के लिए पहले से ही राखी खरीद रखी थी.
      आज सुबह से ही बहनों ने थालियाँ सजाकर राखियों और मिठाइयों को सामने रखकर भाइयों को पहले टीका लगाया फिर उनकी कलाइयों पर रक्षा सूत्र बाँध कर भाई के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया और भाइयों ने भी इस अटूट रिश्ते को माना.
      रक्षा बंधन से जुडी कई कहानियां है जिनमें से एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने वामन का रूप धारण कर दानी राजा बलि से तीन पग जमीं की मांग की. दो पग में वामन ने जमीन, आकाश और पाताल को नाप लिया और तीसरा पग राजा बलि के शरीर पर रख दिया. फिर जब उन्होंने बलि से कुछ मांगने कहा तो बलि ने उन्हें चार महीने अपने यहाँ पहरेदार बनकर रहने कहा. कहते हैं कि तब लक्ष्मी राखी लेकर बलि के पास गई और उसे भाई बनाकर उसे राखी बांधी. बलि ने जब बदले में लक्ष्मी को धन-सम्पति देना चाहा तो लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को मांग लिया. रक्षा बंधन के सम्बन्ध में पहली चर्चा इसी को माना जाता है. एक दूसरी कहानी में चित्तौर की विधवा रानी कर्णावती ने राजपूत और मुस्लिम राजाओं के संघर्ष के दौरान हुमायूं को राखी भेजी थी. तब हुमायूं ने कर्णावती को बहन मानकर उसकी रक्षा की थी.
      हालांकि इस बार का रक्षाबंधन अधिकतर पंडितों के अल्पज्ञानी होने की वजह से शनि की बहन भद्रा का सावन की पूर्णिमा में प्रवेश वजह बताकर शुभ मुहूर्त की दुविधा में दो दिन मनवा दिया गया. पर जो भी हो, पूरे जिले में रक्षा बंधन की धूम रही.
भाई-बहन के प्रेम के पर्व रक्षा-बंधन का रहा उत्साह भाई-बहन के प्रेम के पर्व रक्षा-बंधन का रहा उत्साह Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 21, 2013 Rating: 5

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