‘मनरेगा’ यानि लूट ऐसी कि जिसे अंजाम देकर घोटालेबाजों के जेहन में
ये शब्द उभरे कि ‘मन रे
गा....’ और मन को गाने के लिए
कहकर देखिये मुखियाजी और मनरेगा के भ्रष्ट कर्मियों की करतूत, जिसे जानकर आप के
होश उड़ जायेंगे.
बिहारीगंज
विधानसभा क्षेत्र के ग्वालपाड़ा प्रखंड के सरौनी कला पंचायत में आरटीआई के तहत निकाले
गये दस्तावेज से यह बात सामने आई है कि मुखिया जी और विभाग के कर्मचारियों ने एक ही
वित्तीय वर्ष में एक ही सड़क का नाम बदलकर योजना की राशि का गबन कर डाला. आरटीआई कार्यकर्ता
और समाजसेवी बिपिन कुमार मेहता व राजीव कुमार गुप्ता ने खुलासा करते हुए कहा सरौनी
कला पंचायत में विभागीय पदाधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से ऐसे ऐसे कारनामे किये
गये है, जिसकी
कल्पना बड़े-बड़े घोटालेबाज ही कर सकते हैं. यहाँ तक कि बिना योजना के नाम के ही चंद
ट्रेलर मिट्टी डालकर लाखो रूपये जुड़े लोगों ने पचा डाला.
योजना सं॰ 05/2011-12 में योजना का नाम सिर्फ मखन दास के
घर होते हुए नहर तक मिट्टी भराई कार्य अंकित है जबकि नियमानुसार नाम में स्पष्ट लिखा
होना चाहिए कि किस स्थान से आरंभ व किस स्थान तक कार्य पूर्ण करना है. ग्रामीणों सदानन्द
मंडल, जनार्दन
मंडल, शम्भू
मंडल, निवास
मुखिया मृत्युंजय झा आदि ने बताया कि इस योजना के तहत प्राक्कलित राशि 4,99,520
है. इसमें
कहीं-कहीं मिट्टी डालकर 4,94,336 रूपये की निकासी कर ली गयी और मापी पुस्त में कार्य को
पूर्ण दिखा
दिया गया. इसके अलावे वित्तीय वर्ष 2008-09 मे योजना सं॰ 3/2008-09 में श्री पंकज झा के घर से
नत्थन झा के बास बाड़ी तक ईट सोलिंग मरम्मती कार्य प्राक्कलित राशि 4,74,000
रूपया में 1,06,562
रूपये की निकासी कर
ली गयी और योजना को बंद कर दिया गया. अब
देखिये घोटालेबाजों की करामात. पुनः वर्ष 2010-11 में योजना सं॰ 3/2010-11 में उसी कार्य का नाम बदलकर
शोभा झा के घर से जनार्दन झा के बास बाड़ी तक सोलिंग मरम्मती एवं बाढ़ से कटे सड़क
पर मिट्टी भराई कार्य नाम जोड़कर 4,26,042 रूपये निकासी कर ली गयी. इस मामले मे ग्रामीण सुरेन्द्र
मिश्र, चन्द्रशेखर
झा, विकास कुमार
झा, संतोष कुमार
झा आदि ने बताया कि उक्त सड़क पर मात्र एक बार कार्य किया गया वह भी पुराने ईंट का
प्रयोग कर. खानापूर्ति के बाद आज तक कार्य नही हुआ और उसका एम॰वी॰ फाईनल कर दिया. इसके अलावे योजना सं॰
4/2008-09, 5/2008-09, 6/2008-09 में जमकर धांधली बरती गयी, और नाम बदल-बदल कर राशि का गबन किया
गया जबकि सर जमीन पर कार्य हुआ ही नहीं. यही नहीं बेख़ौफ़ कम कराने वालों ने मजदूर के
बदले ट्रैक्टर से कार्य कराया और सड़क का ईंट भी उखारकर बेच दिया.
किया घोटाले का खुलासा |
पंचायत की जनता बेबस है, थोड़ा
विरोध तो कर सकते हैं, पर विकास के नाम पर लाखों का गबन करने वालों से सीधी लड़ाई
करने में वे सक्षम नहीं हैं. ऐसे में अब पंचायत के लोगों की उम्मीदें नए जिलाधिकारी
गोपाल मीणा पर ही टिकी हुई हैं कि अब वे ही इन घोटालेबाजों को सबक सिखाएंगे.
मनरेगा में लूट का नया अंदाज: एक ही सड़क का नाम बदल-बदल गबन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 30, 2013
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जितने भी घोटाले करने थे कर लिए, अब जेल जाने के लिए तैयार रहे क्योँकि मीणा साहब मधेपुरा पधार चुके हैँ.
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