बिहारियों के लिए अभी भी भारत के कई जगह सुरक्षित
नहीं है. यहाँ की प्रतिभाओं और लोगों की कर्मठता से न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि
राजस्थान समेत कई अन्य राज्य के कुछ घटिया किस्म लोग खार खाए हुए हैं और जैसे-तैसे
इन्हें कुचलने में भरोसा रखते हैं.
बिहार
के मधुबनी की आरती झा के साथ हुआ हादसा न सिर्फ बिहारी प्रतिभा का दमन है बल्कि ये
राजस्थान के पिलानी की उस स्कूल के अंदर का भयावह सच भी बयां करता है जिसकी झूठी
प्रतिष्ठा की चर्चा पूरे भारत में होती है. साथ ही यह कहानी आधुनिकता के मद में
डूबी कुछ छात्राओं के चरित्र पर भी सवाल उठाती है.
बिड़ला बालिका विद्यापीठ, पिलानी में विगत पांच साल से पढ़ रही बिहार के मधुबनी की आरती झा को हॉस्टल में रह रही रूम मेट तीन छात्राओं ने सिर्फ इसलिए मौत के मुंह के करीब लाकर छोड़ दिया कि आरती ने उन लड़कियों के रातभर मोबाइल से अपने-अपने ब्यॉयफ्रेंड से बात करने की सूचना अपने पिता को दे दी थी. पढ़ाई के प्रति हमेशा से गंभीर आरती झा ने उन लड़कियों से आजिज होकर स्कूल प्रबंधन से अपना रूम बदल देने की भी गुजारिश की थी. पर स्कूल प्रबंधन भी लड़कियों की आधुनिकता और उदंडता का पोषक रहा और फिर पांच अगस्त की वो भयानक रात भी आ ही गई जिसने एक बिहारी लड़की को ऐसा मानसिक और शारीरिक आघात पहुँचाया जिसे भूलना आरती के लिए इस जनम में मुश्किल होगा.
रूम में
रहने वाली लड़कियों ने आरती को कमरे में बंद कर पहले तो जम कर मारा और जब आरती
भागकर बाथरूम में बंद हो गई तो उन लड़कियों ने वार्ड की इंचार्ज को बुलवा कर
बहला-फुसलाकर आरती को बाहर निकाला और जब वार्डेन चली गई तो फिर उन लड़कियों ने ऐसा
कहर बरपाया जिसे सुनकर नारी जाति भी शर्मिंदा हो जाय. औरत जाति के लिए कलंक साबित
इन घटिया लड़कियों के नाम हैं काजल, शिवानी और हिताषा जो दिल्ली, रिवाड़ी (हरियाणा)
और गाजियाबाद (यूपी) की रहने वाली हैं.
लड़कियां
आरती को फिर से मारपीट करते घसीट कर ले गई और पहली मंजिल से उसे नीचे धकेल दिया.
स्कूल प्रबंधक ने तब आरती के पिता को खबर भेजी. जाने पर माता-पिता ने आरती को
बिड़ला सार्वजनिक अस्पताल में बेहोश पाया. कहा गया कि इसे बाहर ले जाएँ, इसकी जान
यहाँ नहीं बच पायेगी. आननफानन में आरती को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इमरजेंसी
वार्ड में भर्ती कराया गया.
बिहार
की इस बेटी की दाहिने पैर की हड्डी और दाहिने तरफ की कमर की हड्डी पूरी तरह से टूट
गई. सिर पर चोट इतनी गहरी है कि खून का थक्का सर के अंदर जमा हुआ है. आरती की जान
बचाने में पिता को कम से कम दस लाख रूपये खर्च करने होंगे. बेटी को
पढ़ाने और आगे बढाने का पिता संजय झा का सपना टूट कर बिखर चुका है और आरती की
मन:स्थिति को सिर्फ आरती ही समझ सकती है जिसे पिलानी के कथित अतिप्रतिष्ठित स्कूल
में पढ़ाई का ख्वाब देखना दुनियां के सारे दर्द देकर चला गया.
मामले
में पिता ने बेटी कि हत्या के प्रयास के मामले में स्कूल प्रबंधन समेत दोषियों के
खिलाफ पिलानी थाना कांड संख्यां 262/2013 दर्ज करा दिया है, पर कहा जाता है कि यह
स्कूल राष्ट्रीय स्तर के एक बहुत बड़े आदमी के संबंधी का है जिसके लिए इस
भ्रष्टतंत्र में ऐसे मामले को दबाना मुश्किल नहीं है.
बिहार की बेटी के साथ दर्दनाक हादसा: पिलानी स्कूल की करतूत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 17, 2013
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