स्वतंत्रता दिवस के दिन से ही सिंहेश्वर अंचल
कार्यालय के समक्ष प्रखंड के सरकारी पोखर पर बसे वेश्याओं से सरकारी जमीन को
अतिक्रमण से मुक्त कराने तथा आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका बहाली में सीडीपीओ द्वारा
अवैध वसूली के खिलाफ जिला युवा रालोसपा के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह ने आमरण अनशन
शुरू कर दिया है.
अनशन पर
बैठे ब्रजेश कुमार सिंह के समर्थन में आज अनशन स्थल पर सैंकड़ों महिलाओं ने भी
उन्हें साथ देकर उनकी मांगों को जायज ठहराया.
अनशनकारी
ब्रजेश सिंह का कहना था कि सरकारी पोखर पर वर्षों से वेश्यावृत्ति कराने वाले
सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर पक्का मकान तक बना लिए हैं. मनचले लोग वेश्या के घर
जाने कि बजाय अगल-बगल के गरीब घरों की बहू-बेटियों को ही देखकर फब्तियां कसने लगते
हैं. इस मुद्दे पर सभी वरीय पदाधिकारियों को सूचित किया जा चुका है, पर आश्वासन के
सिवाय कुछ भी नहीं मिला.
वहीं
रालोसपा के जिलाध्यक्ष सह भ्रष्टाचार निवारण संगठन के अध्यक्ष राजिव जोशी ने कहा
कि सीडीपीओ सिंहेश्वर तथा उनके दलाल के द्वारा सेविका-सहायिका की बहाली में प्रति
अभ्यर्थी डेढ़ से दो लाख रूपये की उगाही की जा रही है और मेधा सूची में हेराफेरी को
अन्जाम दिया जाता है. उन्होंने डीएम और डीपीओ से मांग की कि सीडीपीओ को बहाली
प्रक्रिया से अलग रखा जाय.
अनशन को
जहाँ बहुत से लोगों का समर्थन मिल रहा है वहीं आज घैलाढ़ प्रखंड के रालोसपा के श्यामसुन्दर
सिंह भी समर्थन में अनशन पर बैठ गए. खबर ये भी मिली कि महिलाओं ने आज अनशन स्थल के
पास ही मुख्यमत्री नीतीश कुमार को भ्रष्टाचारियों का मुखिया बताते हुए पुतला भी
जलाया.
वेश्या और सीडीपीओ के खिलाफ आमरण अनशन: महिलाओं का समर्थन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 17, 2013
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