कोसी समेत पूर्णियाँ-अररिया के इलाके से गरीब
लड़कियों को बहला-फुसलाकर काम दिलाने या फिर शादी का झांसा देकर देह मंडी में बेच
देने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश शंकरपुर थानाध्यक्ष पंकज सिंह ने करके सबको सकते
में डाल दिया. इसे मधेपुरा पुलिस की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है और इस गिरोह के
गिरफ्तार सदस्य से इलाके में गुप्त रूप से चल रहे ‘गर्ल ट्रैफिकिंग’ के धंधे पर भी लगाम लगने की पूरी सम्भावना बनती है.
इस
मामले का खुलासा तब हुआ जब शंकरपुर पुलिस को एक पीड़िता के पिता ने ही अपनी बेटी के
बेचे जाने की सूचना दी. बताया जाता है कि अररिया जिले के बीरेन्द्र राम की बेटी
करीब 17-18 वर्षीया कोमल (काल्पनिक नाम) अपनी बुआ रानी देवी के पास शंकरपुर के
मछ्हा गाँव में ही रहती थी. रानी ने लड़की खरीद-फरोख्त करने वाले एक गिरोह के झांसे
में आकर कोमल को 30 हजार रूपये में अपना घर बुलंद शहर (उत्तर प्रदेश) बताने वाले
ओमवीर राम के हाथों बेच दिया. फिर ओमवीर के कहे मुताबिक़ उसने समाज को यह दिखाया कि
कोमल की शादी करा दी गई है. साथ ही रानी ने अररिया में रहने वाले अपने भाई
बीरेन्द्र राम को यह सूचना दी कि उसने कोमल कि शादी मधेपुरा के साहुगढ़ के एक
अच्छे परिवार में करा दी है. बेटी कि शादी अच्छे घर में होने पर बीरेन्द्र काफी
खुश हुआ. पर बेटी को देखने पहुंचे बीरेन्द्र की पैर तले से उस समय जमीन खिसक गई जब
उसे पता चला कि उसकी बेटी बेचीं जा चुकी है. बस क्या था, उसने शंकरपुर पुलिस को
तुरंत ही इसकी सूचना दे दी.
फौरी
कार्यवाही करते हुए शंकरपुर थानाध्यक्ष में ओमवीर और रानी देवी को घेरे में लेते
हुए पूछताछ की तो खुलासा बेहद चौंकाने वाला था. ओमवीर ने बताया कि उसका चाचा इस
धंधे का मास्टरमाईंड है और उसी ने उसे यहाँ लाया था.
पूछताछ
से इस आशंका को भी बल मिलता है कि शंकरपुर, कुमारखंड, अररिया आदि क्षेत्रों में भी
गरीब लड़कियों की खरीद-फरोख्त का धंधा गुप्त रूप से चलता है और इन्हें या तो देह
व्यापार में धकेल दिया जाता है या फिर इसके अंगों जैसे किडनी आदि को भी बेच दिया
जाता है.
लड़की की खरीदने वाला गिरफ्तार: बुआ ने बेचा था 30 हजार में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 17, 2013
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