पूर्णिया जिला का बाईसी अनुमंडल आज भीषण बाढ़ के चपेट में है. शहर से संपर्क
टूट चुका है, जिधर देखो पानी ही पानी. सभी अपनी जान बचने के लिए अपने घरों को छोड़ यत्र - तत्र बसेरे बनाये हुए है मगर भूख का क्या ?
जरीना बेगम का कहना है की भूखे पेट कितने दिनों तक अपना और अपने परिवार को बचा पाएंगे ? इनके बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं. मुसरत बेगम और रवीजा बेगम अनुसार सरकार के तरफ से अब तक
कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो सकी है.
जिला प्रशासन
दावा कर रही है कि विस्थापितों का सही देख भाल हो रहा है, पर सरकार विरोधी खेमा के बायसी के बीजेपी विधायक
संतोष कुशवाहा का कहना है कि बाढ़ के नाम पर सरकार अपना फाईल दुरुस्त कर रही है जो राहत इन्हें मिलनी चाहिए वो नहीं मिल
पा रहा है. पर दिलीप यादव पूर्व विधायक राजद का कहना है कि
इस क्षेत्र में बाढ़ आने से सरकार और अधिकारियों की तो न्यारे-वारे हैं. बाढ़ राहत के नाम पर लूट मची हुई है.
एक तरफ बाढ़ ने पूर्णिया के नए इलाके में तबाही मचानी शुरू कर दी
है तो दूसरी तरफ बाढ़ पीडितो के साथ छलावा हो रहा है. राहत के नाम पर चारो तरफ हंगामा हो रहा है और बाढ़ पीड़ित को खाने के लाले पड़े है. ऐसे में सरकारी तंत्र
पर गुस्सा होना लाजमी है.
बाढ़ के नाम पर लूट: बंद है चूल्हा लगी है पेट में आग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 14, 2013
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