मधेपुरा को चाहिए सैकडों वर्चस्व: सिविल सेवा के वर्चस्व का अभिनन्दन

|ए.सं.|15 जून 2013|
कौन कहता हैं आसमां में सुराख़ नहीं हो सकता..
एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों...........
इस पंक्ति को चरितार्थ किया UPSC में 806 Rank लाने वाले मधेपुरा के श्री वर्चस्व ने और आज समिधा ग्रुप प्रांगण में उनका नागरिक अभिनंदन किया गया. इस प्रोग्राम का संचालन समिधा ग्रुप के सचिव संदीप शाण्डिल्य ने किया. इस समारोह में मधेपुरा के तमाम बुद्धिजीवियों ने शिरकत की. वरिष्ठ प्रोफेसर श्री भूपेंद्र मधेपुरी, बैंक अधिकारी -संतोष कुमार झा, समिधा ग्रुप के अध्यक्ष- दिलीप कुमार झा, युवा व्यवसायी- अशफाक आलम आदि ने श्री वर्चस्व को शाळ और बुके दे कर सम्मानित किया.
प्रोफेसर श्री भूपेंद्र मधेपुरी ने कहा छोटा लक्ष्य रखना एक अपराध हैं, बड़े सपने देखना चाहिए जैसा वर्चस्व ने देखा और अपने लगन से उसे पूरा भी कर के दिखाया”.
संदीप शाण्डिल्य ने कहा यह गर्व की बात हैं जो इन्होने यह सफलता प्राप्त की मगर यह जश्न मनाने का समय नहीं हैं यह समय हैं चिंतन का, आखिर क्या बात हैं जो अपने मधेपुरा से 7-8 सालों में बस एक वर्चस्व ही निकल पा रहा हैं? मधेपुरा को जश्न उस दिन मनाना चाहए जब हर साल मधेपुरा से सैकडो वर्चस्व निकले. हमें वर्चस्व, सचिन बादशाह जैसे श्क्स को अपना आदर्श बनाना होगा और  उनके बतलाये रास्ते पर चल कर मधेपुरा में रहते हुए बुलंदियों को छूना होगा.
वर्चस्व ने कहा- लगातार अभ्यास, एक लक्ष्य, मेहनत और ईमानदारी के बल पर मैंने इस सफलता को सहज प्राप्त किया हैं और जब मैं कर सकता हूँ तो आप भी कर सकते हैं
इसके बाद वर्चस्व ने 300 छात्रों के साथ लगातार 3 घन्टे अपने अनुभव को शेयर किया. छात्र लगातार अपना प्रश्न पूछ रहे थे और सहजता के साथ उनके सभी प्रश्नों का जवाब दे रहे थे. जैसे UPSC किन किन विषयों से किया जा सकता हैं, प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में किस तरह के प्रश्न रहते हैं, इंटरव्यू की तैयारी कैसे की जाती हैं, कितना समय देना होता हैं, कितना रूपए खर्च होता हैं, इंग्लिश का क्या महत्व हैं आदि.
इसके बाद समिधा ग्रुप के सचिव संदीप शाण्डिल्य ने घोषणा की जब तक श्री वर्चस्व जी का ट्रेनिंग प्रारम्भ नहीं होती तब तक लगभग दो महीनों के लिए श्री वर्चस्व सभी छात्रों का मार्गदर्शक बनेगे और समिधा ग्रुप में ही एकदम न्यूनतम शुल्क (लागत शुल्क) पर UPSC, BPSC का तैयारी करवाएँगे.
प्रोग्राम के बीच में ही देश की प्रसिद्ध नाट्य संस्था इप्टा ने अंधेर नगरी, चौपट राजाका मंचन किया जिसके द्वारा सभी कलाकारों ने बतलाया किस तरह नाटक के माध्यम से अच्छे समाज का निर्माण किया जा सकता हैं. इप्टा के अध्यक्ष ने कहा अपने मधेपुरा में युवा नाटक में कम रुचि रखते हैं मगर यह मनोरंजन के साथ साथ जीविकोपार्जन का बहुत आसान माध्यम हैं अतः अधिक से अधिक युवाओं को इसमें भाग लेना चाहिए.
मधेपुरा को चाहिए सैकडों वर्चस्व: सिविल सेवा के वर्चस्व का अभिनन्दन मधेपुरा को चाहिए सैकडों वर्चस्व: सिविल सेवा के वर्चस्व का अभिनन्दन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 15, 2013 Rating: 5

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