|नि.प्र.| 18 अप्रैल 2013|
हाल तक सोने की कीमतों में लगातार उछाल से जहाँ
स्वर्ण व्यवसायी मालामाल हो रहे थे वहीँ कीमत में अचानक गिरावट से परेशान स्वर्ण
व्यवसायियों ने अपने ही दूकान के सोने को दबा कर रख लिया. दूसरी तरफ कीमत में
गिरावट की खबर से खरीददारों में उबाल सा आ गया है पर जब वे सोना खरीदने ज्वेलर्स
की दूकान जा रहे हैं तो उन्हें ये सुनने को मिलता है कि जेवर और सोने के बिस्किट
समाप्त हो गए हैं और ज्वेलर्स मालिक उन्हें ये कहते हैं कि जल्द ही उनकी पसंद का
सामान दूकान में फिर से उपलब्ध हो जाएगा.
स्वर्ण
व्यवसाय से जुड़े जानकारों का मानना है कि बढ़ी कीमत में खरीदे सोने के भाव अचानक
गिरने की वजह से व्यवसायियों ने उस सोने को दुकानों से इस प्रत्याशा में हटा दिया
है कि जब फिर कीमत में उछाल आएगा तो वे उसे निकालेंगे. पर कीमत गिरने से जोश में
आये खरीददारों को इससे निराशा ही हाथ लग रही है.
ऐसे में
मशहूर फिल्म ‘पूरब
और पश्चिम’ का
ये देशभक्ति गीत ‘मेरे
देश की धरती सोना उगले.....’ आज के दौर में स्वर्ण व्यवसायियों की चालबाजी के कारण अपने
देश में निरर्थक साबित हो रहा है.
कहाँ गया मधेपुरा से करोड़ों का सोना ???
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 18, 2013
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