(फोटो: संजय कुमार) |
मुरलीगंज में रेल परिचालन के लिए अनशन जारी
|पंकज भारतीय| 23 अप्रैल 2013|
“लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई”
कुछ ऐसी ही परिस्थिति से मधेपुरा-मुरलीगंज रेलखंड के
रेल यात्री गुजर रहे हैं. 18 अगस्त 2008 को कुसहा में कोशी बेलगाम हुई तो मधेपुरा
जिले में यातायात के सभी साधन जमींदोज हो गए. लगभग पांच साल बाद भी यातायात के
साधनों की सूरत बदलना तो दूर हालत बाद से बदतर होते चले गए.
मुरलीगंज
के बीचोंबीच राष्ट्रीय उच्च पथ 107 गुजरती है. सड़क की सेहत इतनी खराब कि सड़क कहने
में भी शर्म आती है. मतलब कि इस सड़क में न तो राष्ट्रीय और न ही उच्च स्तरीय कोई
बात नजर आती है. केन्द्र और राज्य का तर्क देकर भले ही दावे को खारिज कर दिया जाय
लेकिन सत्ता के शीर्ष पर बैठे हर बहरूपिये इसके लिए जिम्मेवार है. ताजा हालत ये है
कि इन सड़कों पर मासूम जनता रेंगने के लिए अभिशप्त है.
रेल
सेवा पर ग्रहण तो कुसहा त्रासदी के साथ ही लग गया था, लेकिन अब अमान परिवर्तन के
नाम पर रेल मंत्रालय की नौटंकी जारी है. 01 जनवरी 2011 से बुधमा तक जाने वाली
ट्रेन पर ब्रेक लगी तो 01 जनवरी 2012 से बनमनखी-पूर्णियां अमान परिवर्तन के लिए
रेल सेवा बंद कर दी गई. नतीजा सामने है कि आज यहाँ लोग उस सड़क पर पूरी तरह आश्रित
हैं जिन्हें सड़क कहना भी नाइंसाफी होगी.
मुरलीगंज
रेलवे स्टेशन परिसर में रेल परिचालन संघर्ष समिति के सदस्यों का आमरण अनशन जारी
है. आमरण अनशन पर बैठे वार्ड पार्षद विजय यादव और डिम्पल पासवान, श्याम ठाकुर और
रामचंद्र राय की सेहत फिलहाल स्थिर बनी हुई है. विजय, डिम्पल और श्याम जैसे युवा
की वेदना जायज है क्योंकि इस पिछड़े इलाके के गरीब लोगों के लिए रेल यातायात किसी
वरदान से कम नहीं है.
सूत्रों
की मानें तो मधेपुरा-मुरलीगंज के बीच अभी भी पच्चीस फीसदी निर्माण कार्य अधूरा है.
कार्य की प्रगति जानबूझ कर धीमी रखी गई है, यह कहना तो जल्दीबाजी होगी लेकिन रेल
मंत्रालय की मंशा पर सवाल उठाना लाजिमी है. समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम अरूण
मल्लिक ने मधेपुरा टाइम्स से दूरभाष पर कहा कि निर्माण कार्य में कोताही नहीं बरती
जा रही है, मधेपुरा-मुरलीगंज के बीच मई तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा उसके बाद
जून से ही रेल परिचालन संभव है. जबकि बनमनखी तक रेल परिचालन अगस्त से पहले संभव
नहीं है. दूसरी ओर संघर्ष समिति के दिनेश मिश्र, प्रशांत कुमार एवं विकास आनंद ने
बताया कि मांगे पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा.
हाशिए पर है रेल और सड़क सुविधा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 23, 2013
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