मौत की घंटी बजा रहे नाबालिग ट्रैक्टर चालक बने प्रशासन के लिए चुनौती

|आर.एन.यादव|04 मार्च 2013|
जिले की सड़कों पर खरखराते हाई स्पीड में दौड़ते ट्रैक्टर इन दिनों मौत की घंटी बजा रहे हैं. भीड़-भाड़ वाले इलाके में भी इनके लिए कोई गति सीमा नहीं है. जिले में हाल में हुए कई दुर्घटनाओं पर यदि गौर करें तो ट्रैक्टर ने कई जिंदगियां ले लीं हैं. सबेला के पास पिछले माह ट्रैक्टर से लगी ठोकर में ट्यूशन पढ़कर लौर रहे एक छात्र की मौत हो गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ अपने साइड जा रहे सायकिल सवार छात्र को अनियंत्रित गति से जा रहे ट्रैक्टर ने मौत की नींद सुला दिया.
      जिले की सड़कों पर विभिन्न सवारियों को हांक रहे चालकों पर यदि आप एक नजर डालें तो आपको परिवहन विभाग का निठल्लापन नजर आ जाएगा. ऑटो, स्कॉर्पियो-बोलेरो हो या फिर खतरनाक डाला सहित ट्रैक्टर, नाबालिग चालकों की फ़ौज आपको दिखेगी. इन नाबालिगों के पास ड्राइविंग लायसेंस नहीं होते हुए भी ये आराम से जिले में मौत की गाडियां चला रहे हैं. परिवहन विभाग चालकों के ड्राइविंग लायसेंस की जांच करना अपना काम शायद नहीं समझती है. फाइलों को सुलझाने में लगे परिवहन विभाग को सड़क-सवारी से कोई मतलब नहीं. शायद उन्हें इन्तजार है इनकी गाड़ी से कुचलकर एक साथ कई मौतों का, तब जाकर कहीं इनकी नींद खुल सके.
मौत की घंटी बजा रहे नाबालिग ट्रैक्टर चालक बने प्रशासन के लिए चुनौती मौत की घंटी बजा रहे नाबालिग ट्रैक्टर चालक बने प्रशासन के लिए चुनौती Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 04, 2013 Rating: 5

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