इस बिहार में…./// डॉ० रामलखन सिंह यादव

ऐ बिहार ! ऐ स्वर्णिम बिहार !
तेरी बदहाली पर रोना आया,
लुटती-पिटती रही अस्मत तुम्हारी
पर नहीं आगे/ कोई सोना आया.

क्या-क्या देखे हमने यार/इस बिहार में...
भूखे-नंगे बेकारों की लंबी-लंबी कतार,
बढते रोज-रोज नये अत्याचार,
अत्याचार ही आचार
इस बिहार--में.....
चहुँ ओर नंगा जातिवाद-भ्रष्टाचार,
पुरातन सामंती/अतिवादी व्यवहार,
दुर्व्यवहार ही व्यवहार,
इस बिहारमें.....
चौपट होती खेती-बारी औ व्यापार,
बढ़ते जाते नेता/अगवाकारी-रंगदार,
बंटाढ़ार- बंटाढ़ार,
इस बिहारमें.....
उबड़-खाबड़ सड़कें/बिजली के खम्भे बिना तार,
बिके हुए बौने मसिजीवी/लूली-लंगड़ी सरकार,
पत्रकार ही पक्षकार,
इस बिहारमें.....
जातीय सेनाएं-घेराबंदी/भीषण नरसंहार,
बेमेल घालमेल की खेमाबंदी और प्रहार,
हार पर हार,
इस बिहारमें.....
आलू-बालू-लालू/चालू की भरमार,
मत्स्य-मखाना/लीची-केला की कतार,
उपहार ही उपहार,
इस बिहारमें.....
गांधी-सेतु मोकामा-जस पुलों की पैंजार,
सूखती सों-गंडक/गंगा की धवलधार
हाहाकार ही हाहाकार
इस बिहारमें.....
भाषा-बोली क्षत्रप की नाहक तकरार,
फिर भी इन्द्रधनुषी रंगों की फुहार,
फुहार-ही-फुहार/इस बिहार में....
नालंदा-विक्रमशिला की हूक-हंकार
फलते-फूलते फर्जी डिग्री की बहार,
बहार ही बहार/ इस बिहारमें.....
कुँवर-कृष्ण-जे.पी. के वंशज हैं लाचार,
बुद्ध-महावीर-कौटिल्य भी हो गये पंगु-बेकार,
बेकार ही बेकार/इस बिहारमें.....
हर ओर उलटी-पुल्टी बातें/विकट व्यवहार
फिर भी आगे बढ़ने के आसार
आसार ही आसार/इस बिहारमें.....
इतिहास में जीना छोड़ो/उठो आगे आओ यार
मिल-जुलकर कर दो/सुराज का सपना साकार
सपने हों साकार/इस बिहारमें.....
हम सब कितने काबिल/मिलकर करें विचार
कैसे काटे कुचाल-कुनीति/कुरीति-कदाचार
बिहार हो बिहार/इस बिहारमें....
बढ़े शील-सदाचार-संव्यवहार/सहकार
इस बिहार में.....
 * डॉ० रामलखन सिंह यादव
प्रथम अपर जिला जज,
मधेपुरा (बिहार)
इस बिहार में…./// डॉ० रामलखन सिंह यादव इस बिहार में…./// डॉ० रामलखन सिंह यादव Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 30, 2012 Rating: 5

1 comment:

  1. hm jaise log to abhi bs bebas hokar ro sakte hain...akrosh wyaqt kr skte hai...magar ap log us jagah pr baithe hain jahan se is bekar wyawastha ko badalne ka kam safalta purwak kr skte hain...islie mera winamra niwedan hai ki ap log jis bhi jile me rhen km se km wahan ek surakshit aur swasth mahol ka nirman karen....

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