राकेश सिंह/30/12/2012
दिल्ली में गैंगरेप की शिकार युवती की मौत पर आहत
दिल्ली के ही रहने वाले मधेपुरा के एएसपी हिमांशु शंकर त्रिवेदी ने मधेपुरा टाइम्स
से ऐसी समस्याओं पर विस्तार से बातचीत की. उनका कहना है कि पीड़िता की सहादत व्यर्थ
नहीं जानी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि कानून व्यवस्था जो एक चिकित्सा की तरह है एवं समाज व्यवस्था और मूल्य व्यवस्था जो वातावरण एवं स्वास्थ्य की तरह है में इस प्रकार का स्थायी बदलाव हो ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. यही वास्तव में पीड़िता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
उन्होंने आगे कहा कि कानून व्यवस्था जो एक चिकित्सा की तरह है एवं समाज व्यवस्था और मूल्य व्यवस्था जो वातावरण एवं स्वास्थ्य की तरह है में इस प्रकार का स्थायी बदलाव हो ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. यही वास्तव में पीड़िता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
हिमांशु शंकर त्रिवेदी |
श्री
हिमांशु का मानना है कि फिल्मों, साहित्य तथा प्रचार के अन्य माध्यमों में Gender Impact Assessment (GIA) ठीक उसी प्रकार किया जाना चाहिए जैसे कि विकास परियोजनाओं
में EIA (Environment Impact
Assesssment) किया जाता है ताकि किये जा रहे विकास से कार्य में पर्यावरण में कितनी क्षति
हो रही है उसका अनुमान किया जाए एवं उसकी सतत भरपाई के लिए उसी परियोजना में
समुचित कदम उठाये जाए. ठीक उसी प्रकार किसी फिल्म, विज्ञापन, गीत या किसी अन्य
संचार माध्यम में किये जा रहे सृजन एवं प्रसारण के समय ही उसका GIA (Gender Impact Assessment) करके यह आकलन किया जाय कि यह समाज में स्त्री के प्रति
नजरिये को कितनी क्षति पहुंचाता है. तदनुसार उसपर नियंत्रण या उसमें बदलाव किये
जाएँ तथा उसकी सतत भरपाई के लिए भी प्रयोजन किये जाएँ.
ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण के लिए GIA फॉर्मूला जरूरी: एएसपी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 30, 2012
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