जिले में यौन शोषण की घटनाओं में इन दिनों बढोतरी
है. हाल के दिनों में यौन शोषण से जुड़े अधिकाँश मामलों की तहकीकात करने पर कई
बातें चौंकाने वाली सामने आयी है. यौन सम्बन्ध के कई मामले में पुरुष जहाँ महिलाओं
को शब्जबाग दिखा कर बहलाने का काम करते हैं वहीं एकाध ऐसे भी मामले सामने आये हैं
जिनमें महिलायें ही आगे बढ़कर सम्बन्ध बनाती हैं. सम्बन्ध तब तक तो बखूबी आगे बढते
रहता है जब तक दोनों तरफ से यौन तुष्टि होती रहती है. पर बाद में यदि महिलाओं की सम्बन्ध
को मुकाम देने की अपेक्षाएं सामने आती हैं और पुरुष पीछा छुड़ाने की कोशिश में लग
जाता है तो महिलाओं को अपने ठगे जाने का एहसास होता है और इसे यौन शोषण का नाम दे
दिया जाता है.
रिसर्च कहते हैं कि अधिकाँश शादीशुदा
पुरुषों में काफी उम्र तक दूसरी महिलाओं के प्रति यौनाकर्षण बना रहता है और मौका
मिलने पर वे आसानी से फिसल जाते हैं. कई मामलों में तो शादीशुदा पुरुष झूठ बोलकर
या अपनी पत्नी से सम्बन्ध खराब बता कर दूसरे को अपनी ओर खींचने का प्रयास भी करते
हैं. कई मर्द तो रोने-धोने का भी शानदार नाटक कर लेते हैं ताकि सामने वाली को
भावनात्मक तौर पर आकर्षित कर सकें. ऐसा करने के पीछे उनके मन में शारीरिक सम्बन्ध
बनाने की भावना विद्यमान होती है. परनारी से एक सीमा तक शारीरिक सुख पा लेने के
बाद पुरुष फिर वापसी की या फिर किसी अन्य से सम्बन्ध बनाने की कोशिश में लग जाता
है. अक्सर महिलायें गैर पुरुष के घड़ियाली आंसू पर विश्वास कर बैठती है और अपनी
जिंदगी बर्बाद कर बैठती हैं. अब तक हुए कई रिसर्च से ये भी बात उभर कर सामने आई है
कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा भावनात्मक होती हैं और वे विश्वास करके
बनाये संबंध बिगड़ जाने पर बौखला जाती हैं. टूटे सम्बन्ध की पीड़ा महिलाओं में अधिक
दिनों तक रहती है जबकि अधिकाँश मामलों में पुरुष जल्द ही सहज हो जाते हैं.
यौन शोषण की शिकार कई महिलायें पुरुष साथी
से धोखा खाने और पुलिस में मुकदमा करने के बाद भी वापसी की सम्भावना पर सोचती हैं.
ऐसे में महिलाओं के लिए आवश्यकता है कि किसी पर विश्वास करने से पहले सामने वाले
व्यक्ति की मंशा को कई तरह से परख लें ताकि सम्बन्ध टूटने और सबकुछ गंवाने की नौबत
ही नहीं आये.
यौन शोषण के अधिकाँश मामलों में पीड़िता भी रहती है दोषी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 12, 2012
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