मधेपुरा का ‘रेप जोन’

जिले में प्रगति के नाम पर कुछ हो या न हो, दुष्कर्म की सच्ची-झूठी घटनाओं में कई तरीके से प्रगति दर्ज की जा रही है. खास कर ऐसे समाज जहाँ साक्षरता या जागरूकता का अभाव सा है वहाँ यौन कुंठित लोग महिलाओं के साथ दुष्कर्म तक को मामूली सी बात समझते हैं. बलात्कार के मामले में जिले के उदाकिशुनगंज थानाक्षेत्र की तरक्की हाल के वर्षों में दिन दूनी और रात चौगुनी हुई है.
            पिछले एक साल का यदि उदाकिशुनगंज थानाक्षेत्र का बलात्कारिक रेकॉर्ड देखें तो यहाँ घटे कई दुष्कर्म के मामले जिले में सर्वाधिक चर्चित रहे है. बलिया बासा में नाबालिग के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म में तो दारोगा जी ने बलात्कारियों की खूब मदद ही की थी. अभी बलिया बासा की घटना को लोग भूले भी नहीं थे कि उदाकिशुनगंज के निर्माणाधीन जेल पर मजदूरी कर रही एक लड़की के यौन शोषण का मामला सामने आ गया था. इस मुहर्रम के रोज रहटा गाँव की घटना भी उदाकिशुनगंज पुलिस के माथे पर कलंक का बड़ा टीका है. मुहर्रम के ताजिये की आड़ में जहाँ नाबालिग लड़की की अस्मत लूटने का प्रयास दो युवकों ने किया वहीं लड़की के जबरदस्त विरोध करने पर दरिंदों ने उसके शरीर को जगह-जगह नोचा और उसपर दांत भी काटे. इससे भी शर्मनाक स्थिति तो तब हुई जब दोनों युवक दुष्कर्म में असफल हो गए तो लड़की के घर को भी उजाड़ने का प्रयास किया. ऐसी परिस्थिति में समाज का यहाँ ऐसे दरिंदों को सबक न सिखाने के पीछे बड़ी वजह है.
            उदाकिशुनगंज थानाक्षेत्र में दुष्कर्मियों के हौसले काफी दिनों से बुलंद हैं. सूत्रों का मानना है कि इन दुष्कर्मियों के सम्बन्ध सदा से पुलिस से बेहतर रहे हैं. यहाँ ज्यादातर दुष्कर्मी किस्म के लोग थोड़ी-बहुत पूंजी वाले होते हैं जो गरीब को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं. खेतों में काम करने वाली या बकरी चराने वाली इनके निशाने पर होती हैं. पहले तो ये शिकार को समझा-बुझा कर पैसे का लोभ देकर मनाने की कोशिश करते हैं. फिर भी यदि मामला नहीं सुलझा तो इन दुष्कर्मियों के सलाहकार पीड़िता के परिवार को पंचायत बिठाकर दंड लगाने की सलाह देते हैं. यानी अस्मत की कीमत चंद रूपये लगाकर बात खत्म करने के प्रयास किये जाते हैं. सूत्र बताते हैं कि इस दौरान भनक लगने पर पुलिस की भी खातिरदारी कर दी जाती है. कभी-कभी तो मुकदमा दर्ज करने की बजाय पुलिस भी पंच की भूमिका में आकर कुछ पीड़िता के परिवार को दिला देते हैं और बड़ी राशि से कर लेते है अपनी जेबें गर्म. सूत्रों का ये भी मानना है कि उदाकिशुनगंज में हवस के पुजारियों का चैनल इतना मजबूत है कि ये अक्सर ही पुलिस और शिकार को मैनेज कर लेने में हो जाते हैं कामयाब और इस तरह ये थानाक्षेत्र रेप के लिए माना जाता है सेफ.
मधेपुरा का ‘रेप जोन’ मधेपुरा का ‘रेप जोन’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 30, 2012 Rating: 5

1 comment:

  1. Jab samaj ko apradh mukt karne ki thekedari Gwalpara thana asthit jamadar B.B. Singh jaise bharast police karmiyun ko saunpi jayegi toh samaj ki yahi durdasha hogi aur aise hi samaj k masoom wo begunah mahilaayon ki izzat luti jayegi. ham aur aap yun hi tamashbeen bankar baithe rehenge aur aur apradhi bharast police officials kimadad se apradh karte rehenge.
    Aisi hi ek ghatna gatroz Gwalpara thana asthit ek gaon mein hui jaha ek garib mahila ka rape hua jise thana k Jmadar B.B. Singh ne apradhyon se Rs.5000/- lekar mamle ko rafadafa kardiya.
    Ye hai iss Gwalpara thane k iss jamaadar ki kahani.
    Agar izzat bachaani hai toh aise bharast police karmiyon k khilaf aawaz uthani hogi!!!!

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