सुपौल से पंकज भारतीय/29/11/2012
नेपाल के सुनसरी जिला स्थित झूमका जेल से गत 9 नवंबर
को सुरंग बनाकर फरार होने वाले 12 शातिर अपराधियों में से एक कुख्यात धीरेन्द्र
यादव उर्फ मुखिया जी सुपौल पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रहा है. आज दिन में सुपौल
पुलिस के लिए सफलता चंद कदम दूर रह गयी जब किशनपुर थाना के मेहासिमर गाँव से धीरेन्द्र
यादव भागने में सफल रहा जबकि उसी जेल से फरार नेपाल निवासी रमेश यादव पुलिस के
हत्थे चढ़ गया.
सूत्रों
से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मेहासिमर के झब्बर
यादव के घर धीरेन्द्र यादव अपने सहयोगियों के साथ 28 नवंबर की रात से ही ठहरा हुआ
है. उक्त सूचना पर आज दिन में करीब 9 बजे
सुपौल एसडीपीओ मनोज कुमार एवं पुलिस निरीक्षक रामसहाय राय के नेतृत्व पुलिस ने
घेराबंदी डाली. धीरेन्द्र पुलिस की आँखों में धूल झोंकने में सफल रहा जबकि खुद को
पुलिस से घिरा देखकर रमेश ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके अलावे ग्रामीण अरविन्द यादव
की गिरफ्तारी हुई है.
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अपराधियों का छोड़ा मुर्गा-दारू |
जरायम सूत्रों के अनुसार धीरेन्द्र नेपाल जेल से फरार होने के बाद आश्चर्यजनक रूप से
सुपौल एवं आसपास के जिले में शरण लिए हुए है. वह इसलिए कि धीरेन्द्र अपने गिरोह को
संगठित करने में जुटा हुआ है. अत्याधुनिक हथियारों से लैश रहने वाले इस गिरोह की
मौजूदा गतिविधि से न केवल पुलिस की नींद गायब है बल्कि कुछ ऐसे शख्स भी अपना चैन
खो चुके हैं जिनकी धीरेन्द्र से अदावत रही है. अहम सवाल यह है कि धीरेन्द्र किसी
बड़ी वारदात को अंजाम देने की जुगत में लगा हुआ है. इस बात की सम्भावना इसलिए भी बढ़
जाती है कि धीरेन्द्र बखूबी जानता है कि न केवल बिहार पुलिस बल्कि नेपाल पुलिस भी
उसे हर हाल में शिकंजे में देखना चाहती है. बावजूद उसने अपना कार्यक्षेत्र नहीं
बदला है.
धीरेन्द्र फरार, शिकंजे में रमेश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 29, 2012
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