करम पर एतबार कर.
मैयत से नफरत ना करो
सभी जायेंगे एक ही घाट पर.
काम न आयेगी, लहू तुम्हारी
प्राण पखेरू उड़ जाने पर.
कुछ तो नेकी कर जाओ
नाम हो इतिहास के पन्नों पर.
जज्बात में बहक न जाओ
अडिग रहो अपने इरादों पर.
गर्व से इतना न इतराओ
फिर जाए पानी तेरी मुरादों पर.
भीड़ लगेगी मैयत पर यारो
तौबा करेंगे तेरी गुनाहों पर.
उठकर एक बार संभल जाओ
पुष्प चढेंगे तेरी यादों पर.
जीने का मकसद पूरा कर जाओ
कि लोग चले तेरी राहों पर.
--सुबोध कुमार पासवान, चौसा
(कवि शिक्षक व पत्रकार भी हैं.)
अभिमान..///सुबोध कुमार पासवान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 07, 2012
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