सोलर लाईट घोटाला ? पंचायत सचिव को 25 हजार का दंड

नि० सं०/06/10/2012
इन दिनों जिले की कई योजनाओं में ऐसा ही लगता है कि जिसे जहाँ मौका लग रहा है वहीं लूटने में भिड़े हुए हैं. जानकारों का ये भी मानना है पंचायती राज व्यवस्था के बाद अब गांवों की चकाचौंध में हर कोई नहाना चाहता है. गांवों में भी अब लूट के अवसर काफी बढ़ चुके हैं. मुखिया जी और पंचायत से जुड़े लोगों के हाल के बने चमचमाते मकान और चमचमाती बोलेरो को देखकर आपको स्वत: ही अंदाजा हो जाएगा कि ये क्या गुल खिला रहे हैं.
            जिले में भ्रष्टाचार के विरूद्ध सक्रिय एक संस्था कोशी प्रमंडलीय भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने आरटीआई के माध्यम से गम्हरिया प्रखंड के भेलवा पंचायत में सोलर लाईट लगवाने के नाम पंचायत सचिव के द्वारा की गयी अनियमितता को उजागर किया है. सोलर लाईट के सम्बन्ध में जब उक्त संगठन के अध्यक्ष राजीव जोशी ने आरटीआई के तहत पंचायत सचिव से विभिन्न जानकारी की मांग की तो भेलवा पंचायत सचिव द्वारा उन्हें सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी. बीडीओ के पास की गयी प्रथम अपील में बीडीओ द्वारा निर्देश के बाद भी जब पंचायत सचिव ने सूचना उपलब्ध नही कराई तो श्री जोशी ने मुख्य सूचना आयुक्त बिहार का दरवाजा खटखटाया.
            राज्य सूचना आयोग ने पंचायत सचिव के रूख को गंभीरता से लिया और पंचायत सचिव को 25 हजार रूपये का आर्थिक दंड लगा दिया और पन्द्रह दिनों के अंदर उन्हें स्पष्टीकरण दाखिल करने को कहा है. इस आरटीआई के परिणाम की सबसे खास बात तो यह रही कि राज्य सूचना आयोग ने जिलाधिकारी मधेपुरा को एक समिति बनाकर पूरे जिले में सोलर लाईट घोटाले की जांच का जिम्मा सौंप दिया. इससे अब पूरे जिले में सोलर लाईट घोटालों से जुड़े मुखिया और पंचायत सचिव में हडकंप का माहौल है.
            कोशी प्रमंडलीय भ्रष्टाचार निवारण संगठन के अध्यक्ष राजीव जोशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2010-11 एवं इसके पूर्व भी वित्तीय वर्ष में बीआरजीएफ मद की राशि का दुरूपयोग तत्कालीन मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा किया गया. दोनों व्यक्तियों ने स्वयं प्रशासनिक स्वीकृति लेकर मनचाहे जगह के नाम पर सोलर लाईट लगाने की औपचारिकता कागजों पर की है न कि सरजमीन पर. साथ ही इन्होनें बीआरजीएफ की राशि को लूटकर निजी संपत्ति बनाने का काम किये हैं. श्री जोशी ने कहा कि बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के पत्रांक- 165/2008/6193 दिनांक 22.07.2010  के माध्यम से राज्य के सभी उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद को निर्देश दिए गए थे कि पंचायत एवं नगर में सोलर लाईट का क्रय एवं उसका अधिष्ठापन ब्रेडा या बेल्ट्रान के माध्यम से या ब्रेडा द्वारा अधिकृत विक्रेता से निर्धारित मानदंड के आधार पर ही किया जा सकता है. परन्तु मधेपुरा जिला में इसका पालन नहीं किया गया और मुखिया तथा सचिव द्वारा लोकल कंपनी से घटिया सोलर लाईट की खरीद कर प्रति सोलर लाईट 46 हजार रूपये की लूट की गयी.
सोलर लाईट घोटाला ? पंचायत सचिव को 25 हजार का दंड सोलर लाईट घोटाला ? पंचायत सचिव को 25 हजार का दंड Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 06, 2012 Rating: 5

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