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वेदना रैली को संबोधित करते सांसद उदय सिंह |
पूर्णियां से लौटकर पंकज भारतीय/30/09/2012
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(सभी फोटो: दिलीप राज) |
रैली को
संबोधित करते हुए उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि भ्रष्टाचार और अपराध क्यों बढ़ा
है? जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा क्यों हो रही है? स्कूल और अस्पताल बदहाल क्यों
है? अफसरशाही बेलगाम और जनता बेहाल क्यों है? केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा दो सौ
से अधिक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा
रहा है. उन्होंने केन्द्र सरकार को लताड़ते हुए कहा कि दिल्ली में लूटतंत्र कायम
है.
पूर्णियां लोकसभा क्षेत्र की चर्चा करते हुए
उन्होंने कहा कि आमलोग परेशान हैं. जिले के एक विधायक और एक पार्टी के जिलाध्यक्ष
का नाम नहीं लेकर इशारों ही इशारों में कहा कि बंटी और बबली की जोड़ी यहाँ सक्रिय
है जिससे नीतीश जी को बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे अपनी जिम्मेवारी निभा रहे
हैं और राज्य सरकार को भी जिम्मेवारी का एहसास कराएँगे. उन्होंने जोर देते हुए कहा
कि सभी क्षेत्र में भ्रष्टाचार है, उनके नुमाइंदे चाटुकारिता में लगे हुए हैं जिनका विकास से कोई लेनादेना नहीं है.
गौरतलब
है कि उदय सिंह भाजपा से सांसद हैं. ऐसे में गठबंधन धर्म के खिलाफ जाकर आवाज उठाने
के कई निहितार्थ चर्चा में हैं. राजनीतिक गलियारे में व्याप्त चर्चा पर यकीन करें
तो इस रैली को भाजपा के कई कद्दवार नेताओं का संरक्षण प्राप्त है. प्रधानमंत्री
उम्मीदवार और विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर जिस तरह गठबंधन के बीच दूरियां
देखने को मिल रही हैं उस पृष्ठभूमि में यह वेदना रैली अप्रासंगिक नहीं है. सूत्र
तो यह भी बताते हैं कि एक-दूसरे को मापने का यह खुला प्रयास है. इसलिए यह महज
संयोग नहीं है कि जिस समय सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पड़ोसी जिले किशनगंज में
राज्य सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे और अपने हक के लिए संघर्ष का आह्वान कर रहे
थे तो ठीक उसी समय पूर्णियां में सांसद उदय सिंह सरकार की उपलब्धियों पर सवाल उठा
रहे थे और राज्य सरकार व उनके नुमाइंदों पर गरीबों का हक छिनने का आरोप लगा रहे
थे.
सूत्र यह भी बतलाते हैं कि स्थानीय स्तर पर सांसद अपनी उपेक्षा से आहत हैं.
राजनीतिक और नौकरशाही के स्तर पर कुछ खास ही लोगों को तरजीह मिल रही है. बहरहाल
मामला चाहे जो भी हो, उदय सिंह ने एक दमदार रैली आयोजित कर अपनी राजनीतिक शक्ति का
एहसास तो करा ही दिया है.
यह कैसा विकास, कैसा सुशासन-उदय सिंह
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 30, 2012
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MP ki vedna kya hai ye toh nahi pata..haan apne hi sarkar ke khilaf bolne ka dum jaroor hai
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