संवाददाता/29/09/2012
जी हाँ, कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा की
समाप्ति पर यह कहावत स्टेडियम में पूरी तरह चरितार्थ हुई कि ‘माल-ए-मुफ्त, दिल-ए-बेरहम’. और इस कहावत को चरितार्थ किया
बिहार पुलिस के जांबाज जवानों ने.जब तक कार्यक्रम चलता रहा नीतीश के मंच के बगल
में नीचे रखे पानी की बोतलों पर सिर्फ अधिकारियों का ही कब्ज़ा रहा. ड्यूटी पर
तैनात होमगार्ड के जवानों के भी कंठ सूख रहे थे, पर इन्हें ये पानी की बोतलें नसीब
नहीं थी.लपलपाते जीभ से ये दूसरों को पानी की बोतलें ढरकाते हुए देख मन मसोस रहे
थे.
पर
कार्यक्रम जैसे ही समाप्त हुआ और मुख्यमंत्री के काफिले ने मंच छोड़ा, मौके की ताक
में ये जवान अब टूट पड़े मिनरल वाटर की बोतलों पर.जितना हाथों में आ सका, उठाया और
अब चेहरे पर थे संतोष के भाव.चूंकि अब ‘डी-एरिया’ इनके कब्जे में था.
माल-ए-मुफ्त, दिल-ए-बेरहम: पानी के बोतल पर टूट पड़ी पुलिस
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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September 29, 2012
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