आज का दिन मधेपुरा के एक जाने माने रंगकर्मी कृतराज
के परिवार को शायद सबसे ज्यादा दर्द देने वाला है.(पढ़ें: एक रंगकर्मी की
मौत?) 22 अगस्त 2010 को जब कृत घर से यह कहकर चला था कि हिना के परिवार वालों
ने कहा कि हिना को कुछ हो गया है तो कृत की माँ ने उसे रोका था.पर हिना को मुसीबत
में जानकर कृत मानने को कहाँ तैयार था.कृत की बहन ज्योति उस मनहूस साल की कहानी को
याद कर आज भी रो पड़ती है.ज्योति बताती है कि पहले तो उनलोगों ने सोचा कि कृत और
हिना ने शायद शादी कर ली है और कहीं चले गए हैं.कृत की माँ बताती है कि हिना के
पिता ने बाद में उसे फोन पर बताया था कि बच्चों ने गलती
तो कर ही ली है, पर अब वे
सुरक्षित हैं.ज्योति कृत से सम्बंधित कई राज आज भी बताती है पर उस समय संभवतः
पुलिस किसी दवाब में काम कर रही थी इसलिए ज्योति के बयान को कोई तरजीह नहीं दी गयी
थी.
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कृत को गायब हुए आज दो वर्ष पूरे हो गए
हैं.पूरे प्रकरण को गहराई से देखने से एक बात तो तय लगती है कि उस समय के सम्बंधित
पुलिस अधिकारियों ने इस केस को खराब करने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी थी.कृत के
पिता तो दबे स्वर में कहते हैं कि पुलिस अधिकारी ने कृत के
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ज्योति: अपराधियों को मिले सजा |
गायब होने के कुछ ही
माह बाद ये कह दिया था था कि बेटे का काम-क्रिया करवा लीजिए.कृत मामले में उस समय
पुलिस की कार्यशैली से साफ़ लगता था कि मानो पुलिस अभियुक्तों को बचाने की जुगत में
लगी हो.
माँ आज भी
सूनी आखों से निहारती हुई कहती है कि दुनियां में मेरा कोई अपना नहीं है और किसी
ने भी उसकी मदद नहीं की.ज्योति कहती है हमें न्याय चाहिए.बहन मायूस होकर कहती है
हमें अब विश्वास है कि कृत की हत्या हो चुकी है जो गौतम भुवानियाँ और उसके परिवार
ने कराया है.कहती है पैसे और पैरवी के बल पर उनलोगों ने अग्रिम जमानत भी ले ली है.
हालांकि
मधेपुरा पुलिस में अब पहले के अधिकारी नहीं रहे हैं, और हर तरफ से लगातार निराशा
मिलते रहने से पीड़ित परिवार के सारे सपने टूट सा गया लगता है पर परिवार के लोग
कभी-कभी अब भी आवेश में आ जाते हैं और कहते हैं कि उसे कृत के बारे में पूरी
जानकारी चाहिए और नए पुलिस अधिकारी सच दुनियां के सामने ला कर अपराधियों को सजा
दिला सकें तो उन्हें सकून मिल जाएगा.
रंगकर्मी कृतराज को गायब हुए पूरे हुए दो साल: टूटी उम्मीदें
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 22, 2012
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