मंडल विश्वविद्यालय की अर्थशास्त्र की लेक्चरर
प्रज्ञा प्रसाद के द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में कर्मचारी पृथ्वीराज यदुवंशी के
द्वारा रखे बाल मजदूर को मुक्त कराने हेतु दर्ज कराये शिकायत पर श्रम विभाग ने
कार्यवाही की.श्रम विभाग द्वारा नियुक्त धावा दल पृथ्वीराज यदुवंशी के
विश्वविद्यालय स्थित क्वार्टर पर पहुंचा.धावा दल ने पृथ्वीराज यदुवंशी के घर की
तलाशी ली पर
कथित बाल श्रमिक बिनोद सदा घर से गायब मिला.पृथ्वीराज यदुवंशी ने धावा
दल को बताया कि इन्हीं सब झंझटों से बच्चा पिछली चौदह अगस्त को ही अपनी माँ के साथ
वापस घर चला गया.धावा दल के सदस्यों ने बच्चे के सम्बन्ध में पृथ्वीराज यदुवंशी से
विस्तृत पूछताछ की.धावा दलों को यदुवंशी के द्वारा बताया गया कि उक्त दलित बच्चा
उनके ससुराल से सम्बंधित है और उसकी माँ ने उसे पढ़ने के उद्येश्य से यहाँ भेजा था.

पर मौके पर ही धावा दल के अधिकारियों ने
पृथ्वीराज यदुवंशी से कहा कि लेबर एक्ट की धारा 3 के तहत आप दोषी हो सकते हैं.अब
क़ानून कहता है कि आप किसी दलित बच्चे को पढ़ाने से उद्येश्य से भी अपने घर में नहीं
रख सकते.ये काम अब सरकार का है.उसके बाद धावा दल ने प्रो० प्रज्ञा से भी उनके आवास
पर जाकर मामले को विस्तार से जाना.
श्रम
अधीक्षक राजीव रंजन ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि उनलोगों ने सभी बिंदुओं पर जांच
कर ली है और इसमें अब वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर अगली कार्यवाही की जायेगी.
जो भी
हो, पूरा मामला सुलझने की बजाय उलझता ही नजर आ रहा है.अब तक की जांच में एक बात तो
साबित हो चुकी है कि बच्चा वहां काफी दिनों से रह रहा था.बच्चे के चले जाने से बाल
मजदूरी वाले इस केस की प्रगति क्या रूख करती है ये तो आने वाला समय बतलायेगा,पर
उक्त बच्चा बिनोद सदा प्रो० प्रज्ञा प्रसाद के विरूद्ध अनुसूचित जाति/जनजाति
अत्याचार (निरोधी) अधिनियम के तहत दर्ज करवाए केस का सूचक भी है.और सूचक के इस तरह
गायब हो जाने से प्रो० प्रज्ञा के खिलाफ दर्ज कराये केस के हश्र पर भी असर पड़ जाने
की पूरी सम्भावना तो बनती ही है.
विश्वविद्यालय परिसर से बच्चा छुड़ाने गया धावादल बैरंग वापस
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 18, 2012
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