आनंद मोहन की सजा बहाल रहने से समर्थकों में निराशा

संवाददाता/10 जुलाई 2012
उच्चतम न्यायालय ने पूर्व सांसद आनन्द मोहन की आजीवन कारावास की सजा बहाल रख दी है.इसके साथ ही मधेपुरा में उनके समर्थकों में भारी निराशा छा गयी है.मालूम हो कि श्री मोहन वर्ष 5 दिसंबर 1994 में मुजफ्फरपुर में जिलाधिकारी कृष्णैया की हुई हत्या के मामले में जेल में बंद हैं.उक्त मामले में अपर सत्र न्यायाधीश आर.एस.राय ने 3 अक्टूबर 2007 को श्री मोहन को मृत्युदंड की सजा तथा लवली आनंद व अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.बाद में पटना उच्च न्यायालय ने आनंद मोहन की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था तथा लवली आनंद को बारी कर दिया था.आज उच्चतम न्यायालय ने पटना हाई कोर्ट के आदेश पर मुहर लगा दी.
     पूर्व सांसद आनंद मोहन की आजीवन कारावास की सजा बहाल रह जाने से उनके समर्थकों में भरी निराशा है.मधेपुरा में आनन्द समर्थकों ने जहाँ उनकी रिहाई के लिए सावन में बाबा भोले के समक्ष दंड प्रणाम दिया था और आज सुबह से ही वार्ड पार्षद ध्यानी यादव के नेतृत्व में उनकी रिहाई के लिए भजन और कीर्तन चल रहा था.पर अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया है.
आनंद मोहन की सजा बहाल रहने से समर्थकों में निराशा आनंद मोहन की सजा बहाल रहने से समर्थकों में निराशा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 10, 2012 Rating: 5

4 comments:

  1. सुप्रीमकोर्ट ने पूर्व सांसद आनंद मोहन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा,और अब उन्हें जेल में ही रहकर बाँकी सजा काटनी है . सुप्रीमकोर्ट का तो सम्मान होना हीं चाहिए , लेकिन इस न्याय से असहमत भी हूँ .

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  2. yeh hai ek munnamohan ki azadi kasawal

    why because mohan is a local popularity man if yes then he is a criminalminded politician. so kosiwasi are impressing the mohan

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  3. agar Anand mohan criminal minded hai to hamara desh bharat kya hai, kyun badha raha hai apne hathiyar ka jakhira, kyun viksit kar raha hai ladai ke sansadhan? are bhaiya galat ka virodh karna criminal mind nahi hota hai.

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