“मुकदमेबाजी से समय और धन की बर्बादी”-न्यायाधीश

 आरिफ आलम/28 मई 2012
चौसा में चलंत लोक अदालत के अंतर्गत रविवार को लगाये गए विधिक जागरूकता शिविर में उपस्थित न्यायाधीशों ने इस बात पर विशेष बल दिया कि विवादों का निपटारा मुकदमेबाजी से नहीं बल्कि सुलह के आधार पर किया जाना चाहिए.शिविर में उपस्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर जिला न्यायाधीश योगेश नारायण सिंह ने कहा कि न्यायालय जितने मुक़दमे का निष्पादन करती है उससे अधिक मुक़दमे दर्ज हो जाते हैं, ऐसे में देश के विभिन्न न्यायालयों से मुकदमों का बोझ घटना मुश्किल सा है.अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार झा ने उपस्थित भीड़ को यह भी समझाया कि मुकदमेबाजी में समय और धन दोनों कि बर्बादी होती है.ऐसे में सुलह के आधार पर ही विवादों को सुलझाना बेहतर होगा.
       इस चलंत लोक अदालत में दाखिल-खारिज के 72 मामलों का भी निष्पादन किया गया.साथ ही ग्राम कचहरी में सरपंच की भूमिका और इससे जुड़ी समस्या पर भी सलाह-मशविरा किया गया.इस विधिक जागरूकता शिविर में चौसा के बीडीओ संजय कुमार, सीओ शहादुल हक, थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद राम, न्यायालय कर्मी गुलाब प्रसाद यादव के अलावे सैंकड़ों आम लोग उपस्थित थे.
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1 comment:

  1. India ka Judicial process bahut hi complicated hai. Iso wajeh se itne mukadme pending hai. Agar India mein log USA ki tarah choti-2 baton pe case karne lage toh kabhi faisla hi nahi ho payega.

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