वार्ड नं०. १७ में ‘बौआजी’ की दावेदारी भी दिखती है महत्वपूर्ण

चु0 सं0/११ मई २०१२
जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आती जा रही है प्रत्याशियों के दिल की धडकन भी तेज होती जा रही है.लक्ष्मीपुर मोहल्ला वार्ड नं-१७ में प्रमुख प्रत्याशियों में अभी निवर्तमान वार्ड पार्षद आशा श्रीवास्तव और अशोक कुमार सिन्हा के साथ संजीव कुमार संजू उर्फ बौआ जी भी दौड़ में दिख रहे हैं.यदि वार्ड नं.१७ के पिछले चुनाव पर एक नजर डाला जाय तो वर्ष २००७ में जब दिनेश श्रीवास्तव वार्ड चुनाव जीते थे तो दूसरे स्थान पर संजीव कुमार संजू उर्फ बौआ जी ही थे.और फिर २००८ में स्व० दिनेश श्रीवास्तव की पत्नी निवर्तमान आशा श्रीवास्तव से भी बौआ जी थोड़े से ही वोट से पीछे रह गए थे.
  पर इस बार बौआ जी के हौसले बुलंद नजर आते हैं.मधेपुरा टाइम्स से बातचीत में ये बताते हैं कि ये दूसरे वार्ड के निवासी होने के बावजूद बाढ़ जैसी विभीषिका में दूसरे वार्डों के साथ वार्ड नं०. १७ के परेशान लोगों की सेवा में लगे रहे.वार्ड के कई लोग इनकी इस बात का समर्थन भी करते हैं और कहते हैं कि बाढ़ में इनके काम को मधेपुरा पुलिस प्रशासन ने भी सराहा था.इनका कहना है कि पिछले वार्ड पार्षद ने इस वार्ड के विकास के लिए कोई काम नहीं किया और बाढ़ के दौरान वे यहाँ की जनता को छोड़कर खुद की जान बचाने बाहर चली गयी थी.वार्ड में नालों से लेकर सड़क की स्थिति काफी बिगड़ी हुई है.लक्ष्मीपुर मोहल्ला में १४ साल से दूकान करने से यहाँ के लोगों के सुख-दुःख से जुड़े हुए हैं.
   एक बात तो तय है कि मधेपुरा का सबसे छोटा वार्ड होने के बावजूद यहाँ के लगभग सभी वोटर पढ़े-लिखे की श्रेणी में आते हैं और ये जो भी फैसला लेगी सोच-समझकर हूँ लेगी.अब देखना यह है कि बौआ जी की कैंची आशा श्रीवास्तव के वायुयान और अशोक कुमार सिन्हा के पतंग को कहाँ तक प्रभावित कर पाती है.
वार्ड नं०. १७ में ‘बौआजी’ की दावेदारी भी दिखती है महत्वपूर्ण वार्ड नं०. १७ में ‘बौआजी’ की दावेदारी भी दिखती है महत्वपूर्ण Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 11, 2012 Rating: 5

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