 संवाददाता/०४ मार्च २०१२
संवाददाता/०४ मार्च २०१२ थियेटर की एकाध बाला व सर्कस से जुड़े लोग बाँट रहे हैं खतरनाक एचआईवी के विषाणु.सिंघेश्वर मेला में चल रहे एक थियेटर की एक बाला और सर्कस का एक लड़का निकला एचआईवी से ग्रसित.ये खुलासा तब हुआ जब बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति पटना द्वारा भेजे गए चिकित्सकों की एक टीम ने थियेटर और सर्कस के कलाकारों की मुफ्त जांच की.जांच के बाद किये गए खुलासे से मेले में सनसनी फ़ैल गयी है.जाँच में इन कलाकारों में एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद से दर्शकों का भी एक खास वर्ग सहमा नजर आता है जो असुरक्षित यौन सम्बन्ध की इच्छा लिए रहते हैं.मालूम हो कि उक्त बाला काफी दिनों से
 थियेटर से जुड़ी थी और इसके प्रसंशकों का भी एक बड़ा वर्ग तैयार हो चुका था.पीडितों को चिकित्सकों के द्वारा उचित इलाज कराने की सलाह भले दे दी गयी हो,पर लोगों के मन से इस बात की आशंका निकल नही पा रही है कि पता नहीं कितने और लोग इसके शिकार हो चुके होंगे.
थियेटर से जुड़ी थी और इसके प्रसंशकों का भी एक बड़ा वर्ग तैयार हो चुका था.पीडितों को चिकित्सकों के द्वारा उचित इलाज कराने की सलाह भले दे दी गयी हो,पर लोगों के मन से इस बात की आशंका निकल नही पा रही है कि पता नहीं कितने और लोग इसके शिकार हो चुके होंगे.  समाज के प्रबुद्ध लोगों ने अब लोगों को ये सलाह देनी शुरू कर दी है कि थियेटर या मेले में सिर्फ स्वस्थ मनोरंजन के लिए ही जाएँ, उससे आगे बढ़ने को सोचा तो जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है.यहाँ एक सवाल उभर कर ये भी आ रहा है कि क्या थियेटर की बालाएं सेक्स के धंधे में भी लिप्त हैं?
थियेटर की बाला बाँट रही है एचआईवी ?
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March 04, 2012
 
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सच छुपता नहीँ बनावट की सजावट से, ये तो होना हीँ था... थियेटर यानि सेक्स परोसने का जरिया,
ReplyDeleteहै ना...??
थियेटर या सर्कस की ये बालाएं जो अपनी कला या अदा से दर्शकों का दिल बहलाने का काम करती हैं वे सामाजिक मर्यादाओं की लक्ष्मण रेखा को पार कर चुकी होती हैं /यहाँ तक पहुँचने के बाद उसे सिर्फ पैसा ही दीखता है ,और पैसा के लिए वे कभी घाघरा सरकाती है तो कभी चोली /इनका माहौल भी कुछ ऐसा हो जाता है कि अपने चाहने वालों को मानसिक सुख के बाद शारीरिक सुख से भी लवरेज करने में कोई ऐतराज नहीं होता /ऐसे में असुरक्षित यौन सम्बन्ध ही एड्स का कारण बन जाता है /
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