दुनियां हाईटेक क्या हुई,सारे तरीके बदल गए.अभी हाल के वर्षों में ही नववर्ष में बाजार की रौनक ग्रीटिंग्स हुआ करती थी.दिसंबर चढ़ते ही लोगों की भीड़ ग्रीटिंग्स के दुकानों पर जमी रहती थी और सम्बन्ध के हिसाब से लोग ग्रीटिंग्स खरीद कर अपने दोस्तों,प्रेमी-प्रेमिकाओं और परिजनों को नए वर्ष ही शुभकामनाएं भेजा करते थे.पर दो-चार साल में ही इन तरीकों में बड़ा बदलाव आया और लोग ग्रीटिंग्स भूल गये.इस वर्ष भी लोगों ने इस अवसर पर शुभकामना सन्देश भेजने के लिए मोबाइल और इंटरनेट का ही सहारा लिया.३१ दिसंबर और १ जनवरी को जहाँ लोगों के मोबाइल के इनबॉक्स भरने लगे,वहीं लोग ई-मेल से भी शुभकामना सन्देश भेजने लगे.इस साल तो इंटरनेट पर धूम रही फेसबुक सोशल नेटवर्किंग साईट की,जिस पर लोगों ने ई-ग्रीटिंग्स के माध्यम से अपने सभी मित्रों को नववर्ष की शुभकामना दी.
और पोस्ट ऑफिस में? हमने जब पोस्टमैन रमाकांत राय से पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी तक हमने एक भी ग्रीटिंग्स का मुंह नहीं देखा.मधेपुरा जिले में एक भी ग्रीटिंग्स का नहीं आना इस स्थिति को दर्शाने के लिए काफी हैं कि लोग समय के साथ झट से बदल जाते हैं और हाईटेक होना तो शायद सभी चाहते ही हैं.
(वि० सं०)
मोबाइल और इंटरनेट से मिट रहा अस्तित्व ग्रीटिंग्स का
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 07, 2012
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