राजघाट में सोये गाँधी ...!!-----जानवी अग्रवाल

राजघाट में सोये गाँधी
हमें जगा कुछ बोल रहे है, 
शहीदों की क़ुरबानी को क्या
हम अंजाम दे रहे है, 
वीर शहीदों का
क्या ये था स्वर्णिम सपना,
आजादी की बलिवेदी पर
नाम अमर लिखा है जिनका,
भ्रष्टाचार की जंजीरों से
भारत माँ अब कराह उठी है, 
जंजीरों को सब मिलकर तोड़ो
भारत माँ पुकार रही है, 
नयी सूरज की नयी किरणे
अब नया इतिहास दोहराएगी,
कोई भूखा नहीं रहेगा ..
सारी जनता सुख से रह पायेगी,
इन सपनो को पूरा करने ....
लाखो शहीद बलिदान हो गये,
कितनी गोदे खाली हो गयी,
ललनाओ के अरमान खो गये,
कितनो का सिन्दूर पूछ गया,
खोये कितनी बहनों के भाई,
उन पर क्या हाल हुआ था
तब आखिर आजादी आई,
आज फिर से हमारे अपने अब लूट रहे हे ,
भारत माँ के लाल ही
माँ भारती को अब बेच रहे है,  .
कफ़न ओढ़कर सीमाओं पर
देखो जवान डटे दिखेंगे ,
आँगन देखो जाकर उनका
इंतज़ार में उनके अपने खड़े मिलेंगे,
जो मिट जाये देश पर
उसकी अमर कहानी है, 
उन शहीदों की चिर समाधी पर
सर टेकता हर प्राणी है, 
एक लड़ाई आज़ादी की
अब फिर से लड़नी होगी,
याद करके उनकी क़ुरबानी
हर जंग दुहरानी होगी ..!! 
जय हिन्द जय भारत !!


--जानवी अग्रवाल, कोलकाता
राजघाट में सोये गाँधी ...!!-----जानवी अग्रवाल राजघाट में सोये गाँधी ...!!-----जानवी अग्रवाल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 26, 2012 Rating: 5

6 comments:

  1. अदभुत रचना है. अति सुन्दर जानवी जी. जय हिंद, जय भारत.

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  2. ________- आप की इस देशभक्ति के जज्बे को अजय का सलाम, बहुत अच्छी रचना है ओर उतना ही सही वक़्त ...राजघाट में सोये गाँधी हमें जगा कुछ बोल रहे है, शहीदों की क़ुरबानी को क्या हम अंजाम दे रहे है,उतनी ही सुंदर भावना ... क्या पंक्ति है दिल को छूने वाली पूरी रचना है जानवी जी !!

    Happy Republic Day u all of u n Mt teams ...

    Jay Hind Jay Bharat ..Vande Matram ..:))

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  3. madam apkey har ek baat purn rup sey satya hai .

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  4. ♥ஜ۩۞۩ஜ♥ஜ۩۞۩ஜ♥ஜ۩۞۩♥♥ஜ۩۞۩♥
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
    ♥ஜ۩۞۩ஜ♥ஜ۩۞۩ஜ♥ஜ۩۞۩♥♥ஜ۩۞۩♥

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  5. सच कह दूँ गर बुरा न मानो
    आपकी रचना बेहतर है ,
    आपसे भी सुन्दर है
    पर, सच्चाई ये भी मानो
    कुछ बदल नहीं सकता अब
    इस देश की हालत बदतर है /
    वो देश था वीर जवानो का
    अलवेलो का मस्तानो का
    ये देश है सिर्फ धनवानों का
    लुच्चों का बेईमानों का ....
    राष्ट्र पिता की कौन कहे
    अपने पिता की खबर नहीं
    यह सच है हमने खोये हैं
    छोडो , मत छेड़ो गांधी सोये हैं

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  6. Let's unite to change our nation. . .

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