आइये देखें कैसा है मधेपुरा जेल

अंग्रेज के ज़माने का बना हुआ मधेपुरा जेल अब जर्जर दीवारों को झेल रहा है.भवन काफी पुराना है पर सुरक्षा व्यवस्था संतोषजनक होने के कारण किसी तरह काम चल रहा है.जेल में कैदियों के रहने की क्षमता मात्र ९९ है जबकि वर्तमान में मधेपुरा जेल में करीब ५२२ कैदी रह रहे हैं.जेल में छोटे-बड़े मिलकर कुल कमरों की संख्यां ९ है.इसमें से एक कमरा महिला कैदियों के लिए सुरक्षित है.कैदियों को कमरे में नीचे ही सोना है,बिछाने के लिए कपड़े उपलब्ध कराये जाते है.अभी एक सजावार महिला कैदी सहित इनकी कुल संख्यां १५ है.पुरुष सजायाफ्ता कैदियों की संख्यां मधेपुरा जेल में ४१ हैं.सजावार कैदियों को अब सेन्ट्रल जेल पूर्णियां भेज दिया जाता है,जबकि पहले इन्हें भागलपुर भेजा जाता था.
   कैदियों को सुबह के नाश्ता में चाय,चना और गुड़ दिया जाता है.दिन के खाने में इन्हें चावल,दाल और शब्जी दिया जाता है.शाम में फिर एक बार चाय और फिर संध्या भोजन लगभग ५.३० में रोटी,दाल और शब्जी दिया जाता है. वैसे तो कैदियों के लिए बाहर का सामान मना है,पर सामन्यतया सूखे सामान की अनुमति दे दी जाती है.
   कैदियों की ग्रेडिंग के हिसाब से जेल में मेट और सहरा कैदियों में से ही प्रमोट करके बनाये जाते हैं.ये कड़ी जेल प्रशासन की मदद करते हैं.बदले में इन्हें बंदी पारिश्रमिक मिलता है.जेल में अन्य कैदियों की भी मदद काम में ली जाती है.कठिन श्रम में भंसा में कोयला के पास काम करना होता है और इन्हें ऐसे काम के लिए १२ रू० प्रतिदिन मिलता है.हलके कामों में पहरे का काम होता है.
     जेल में मोबाइल फोन का प्रयोग चोरी-छिपे होता है और समय समय पर छापेमारी में इसे जब्त भी किया जाता है.इसे रोकने के लिए जेल में जैमर लगाने की बात थी,पर नेटवर्क कंपनियों की बढ़ती संख्यां के बीच यह सभी सिम पर सफल नहीं हो पा रहा है.
(सभी जानकारी कारापाल धर्मेन्द्र कुमार की प्रबन्ध संपादक से बातचीत पर आधारित)
आइये देखें कैसा है मधेपुरा जेल आइये देखें कैसा है मधेपुरा जेल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 06, 2011 Rating: 5

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