पीली पीली सरसों का रंग
सूरज की तपिश महसूस
करना चाहता था तन,
टूटे दिल ने ना जाने क्यूँ ,
फिर ये रंग भर दिया है जीवन में,
कोई तो बता .... कोई तो बता ,
ना है कोई बहार, ना है कोई सावन,
खामोश दिल है, और सुना है आँगन,
खुद को इनसे बचा के
खामोश दिल है, और सुना है आँगन,
खुद को इनसे बचा के
फिर कैसे रंगूँ अपना दामन, कोई तो बता .... कोई तो बता ,
पीली पीली सरसों का रंग
क्यूँ उतर आया है मेरे मन में,
सूरज की तपिश महसूस
करना चाहता था तन,
टूटे दिल ने ना जाने क्यूँ ,
फिर ये रंग भर दिया है जीवन में,
कोई तो बता .... कोई तो बता !
क्यूँ उतर आया है मेरे मन में,
सूरज की तपिश महसूस
करना चाहता था तन,
टूटे दिल ने ना जाने क्यूँ ,
फिर ये रंग भर दिया है जीवन में,
कोई तो बता .... कोई तो बता !
लाल चुनर ओढ़ के शाम ढल रही है,
अन्धेरें में खुद को समटने
ये रात सज रही है,
पास है समुंदर मेरे,
अन्धेरें में खुद को समटने
ये रात सज रही है,
पास है समुंदर मेरे,
फिर क्यूँ तेरी चाहत की
प्यास जग रही है,
कोई तो बता .... कोई तो बता ,
पीली पीली सरसों का रंग
प्यास जग रही है,
कोई तो बता .... कोई तो बता ,
पीली पीली सरसों का रंग
क्यूँ उतर आया है मेरे मन में,
सूरज की तपिश
महसूस करना चाहता था तन,
टूटे दिल ने ना जाने क्यूँ ,
सूरज की तपिश
महसूस करना चाहता था तन,
टूटे दिल ने ना जाने क्यूँ ,
फिर ये रंग भर दिया है जीवन में,
कोई तो बता .... कोई तो बता !
आसमा उदास है
चाँद के इंतज़ार में,
मैं भटक रहा हूँ
किसी यार के प्यार में,
क्यूँ चली आती नहीं वो
इस भोर के आड़ में,
कोई तो बता .... कोई तो बता ,
पीली पीली सरसों का रंग
क्यूँ उतर आया है मेरे मन में,
सूरज की तपिश
महसूस करना चाहता था तन,
टूटे दिल ने ना जाने क्यूँ ,
फिर ये रंग भर दिया है जीवन में,
कोई तो बता .... कोई तो बता !
कोई तो बता .... कोई तो बता !
आसमा उदास है
चाँद के इंतज़ार में,
मैं भटक रहा हूँ
किसी यार के प्यार में,
क्यूँ चली आती नहीं वो
इस भोर के आड़ में,
कोई तो बता .... कोई तो बता ,
पीली पीली सरसों का रंग
क्यूँ उतर आया है मेरे मन में,
सूरज की तपिश
महसूस करना चाहता था तन,
टूटे दिल ने ना जाने क्यूँ ,
फिर ये रंग भर दिया है जीवन में,
कोई तो बता .... कोई तो बता !
कोई तो बता .... कोई तो बता !!
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 06, 2011
Rating:
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 06, 2011
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bhaut hi sundar...
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