जिसे मिला तुम्हारा प्यार
और फिर मिली तुम्हारी जुदाई
गमे मुहब्बत में सीने के अंदर
टुकड़े हुए इस बेबस दिल के
मिलन की थी खुशी मुझे पर
जानता था जीना होगा
मुझे तुमसे बिछडकर
तूफां में मेरे जीवन की नैया
डूब जायेगी जानते थे हम,
फिर भी तुमने चाहा था
मुझे टूटकर.
याद है कहा था तुमने
वो आपकी जिंदगी का सबसे
होगा बुरा दिन
जब मैं बिछुड़ जाउंगी और
आप जीयेंगे मेरे बिन
पर मैं कहता हूँ अब भी
साथ हो मेरे तुम
और हैं तुम्हारी इतनी यादें
तुम्हारा नाम लेकर ही
चल रही हैं मेरी साँसें
...........
कि दर्द मुहब्बत का
अब महसूस नहीं होता
और आती है तुम्हारे
बात पर मुझे हंसी
क्योंकि गमे मुहब्बत ने
दी है मुझे खुशी.
-रक्षित (rakshit1529@gmail.com)
गमे मुहब्बत ने दी है मुझे खुशी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 10, 2011
Rating:
game muhabbat ne dee hai mujhe khushi.
ReplyDeletewah kya baat hai?bahut khoob.
Bahut achhaaaaaaaaaaaaaaa.
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